भोपाल : भारतीय नौसेना के लापता हुए टोही विमान डॉर्नियर में बतौर को-पायलट भोपाल के मनोज सोनी भी सवार थे. आठ दिन बीत जाने के बावजूद अब तक मनोज सोनी और उनके सहकर्मियों के बारे में कोई सुराग भी नहीं लगा हैं. इकलौते बेटे के यूं समुद्र की गहराई में खो जाने से बेबस पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की अपील की हैं. मनोज का परिवार पिछले एक सप्ताह से चेन्नई में बेटे की सलामती की दुआ कर रहा है.
टोही विमान सीजी-791 सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात से लापता है. रात की नियमित गश्त के दौरान तमिलनाडु के कुड्डालोर व करईकल के बीच इस विमान से संपर्क टूट गया. उसमें डिप्टी कमांडेंट पायलट विद्यासागर, को-पायलट मनोज सोनी और नेवीगेटर सुभाष सुरेश सवार थे.
पिता को बेटे के लौटने की उम्मीद
भोपाल में रहने वाले मनोज के पिता राधेश्याम सोनी पिछले मंगलवार से ही चेन्नई में डेरा डाले हुए हैं. समुद्र तट पर चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान वह मौजूद रहते है, लेकिन अभी तक परिवार को अच्छी खबर का इंतजार है. आठ दिन बीत जाने के बावजूद पिता ने बेटे की सकुशल वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी हैं. परिवार को उम्मीद है कि क्रेश होने के पहले हो सकता है कि मनोज और उसके दो साथियों ने विमान छोड़ दिया हो.
पीएम से मदद की अपील
राधेश्याम सोनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की अपील की है. उन्होंने बताया कि विमान के जिस जगह गिरने की आशंका है, वहां समुद्र की गहराई करीब 900 मीटर हैं. ऐसे में नौसेना के सारे संसाधन इस गहराई के आगे नाकाफी साबित हो रहे है. उन्होंने प्रधानमंत्री से गुजारिश की है कि इतनी गहराई में जाकर खोजबीन के लिए दूसरे देशों की मदद ली जाए.
भोपाल में हुआ था मनोज का जन्म
राधेश्याम सोनी मूल रुप से शाजापुर जिले के सलसलाई ग्राम के रहने वाले हैं. 1981 में बीएचईएल में नौकरी लगने के बाद से ही वह परिवार के साथ भोपाल शिफ्ट हो गए थे. मनोज का जन्म 12 नवंबर 1983 को भोपाल में ही हुआ था. स्कूली शिक्षा भोपाल में पूरी करने के बाद मनोज ने आगे की पढ़ाई के लिए पुणे और दिल्ली का रुख किया. 2009 में मनोज ने कोस्टगार्ड ज्वाइन कर लिया.
2009 में हुई थी शादी
मनोज 2009 में विवाह के बंधन में बंध गए थे. राजधानी के छत्रसाल नगर में रहने वाले मनोज की शादी अमृता के साथ हुई थी. पत्नी सहित पूरा परिवार बस दुआ कर रहा है कि किसी तरह मनोज वापस सकुशल लौट आए.
पिता से रोज होती थी फोन पर बात
राधेश्याम सोनी ने बताया कि ऐसा कोई भी दिन नहीं जाता था जब मनोज उनसे फोन पर बात नहीं करता था. हादसे वाले दिन भी उड़ान भरने के पहले राधेश्याम ने बेटे को फोन किया था. ड्यूटी होने की वजह से मनोज ने कहा था कि वह लौटकर आने के बाद रात को 10.30 बजे फोन करेगा. बेटे के फोन आने का इंतजार अब तक खत्म नहीं हुआ है.
नौसेना को सलाम
मनोज के लापता होने का दर्द उनके पिता के शब्दों में साफ झलकता हैं. इतना होने के बावजूद वह नौसेना की तारीफ कर रहे हैं. वह नौसेना के जज्बे को सलाम करते हुए कहते है कि नौसेना ने टोही विमान और चालक दल के सदस्यों की खोज में अपनी पूरी ताकत झोंक दी हैं.
विमान व चालक दल के सदस्यों की तलाश में आठ जहाज लगाए गए हैं. इनमें नौसेना व कोस्टगार्ड के चार-चार जहाज हैं. पी-81 टोही विमान और हेलीकॉप्टर्स भी तलाशी अभियान में लगाए गए हैं.
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