नई दिल्ली : सांसदों का काम कानून बनाना है, लेकिन ज्यादातर ने लुटियंस दिल्ली के सरकारी बंगलों में अवैध निर्माण कराकर कानून को ताक पर रखा है. चाहे बात अतिरिक्त कमरा बनाने की हो या दीवार तोड़ने की, किचन बड़ा करना हो, ऑफिस बनाना हो या फिर बैडमिंटन कोर्ट. हेरिटेज इमारतों में नियमों की धज्जियां उड़ाकर कानून के रखवालों ने मनमर्जी की. यह सारा मामला खुला आरटीआई के जरिए मांगी गई जानकारी में. अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स ने यह खबर प्रकाशित की है.

सरकारी बंगलों में अवैध निर्माण कानून बनाने वालों ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) से बिना अनुमति लिए की. हेरिटेज इमारतों में किसी भी तरह के परिवर्तन के लिए यह संस्था जिम्मेदार है. गौरतलब है कि लुटियंस बंगला जोन में किसी भी सरकारी बंगले में किसी भी तरह का निर्माण कार्य नियमों के मुताबिक प्रतिबंधित है. लेकिन दस्तावेजों के मुताबिक पिछले 10 साल में इन बंगलों में कम से कम 230 परिवर्तन हुए हैं.

इस सूची में जिन सांसदों के नाम है उनमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कलराज मिश्रा, यशवंत सिन्हा और रामविलास पासवान के अलावा कांग्रेस नेता अहमद पटेल, सुरेश कलमाड़ी और अन्य शामिल है. इनमें से 150 मामलों में सीपीडब्ल्यूडी को अभी तक अवैध निर्माण हटाने हैं.

मंत्रियों को मिलने वाले बंगले का मतलब है 8250 स्क्वॉयर फीट का प्लॉट, जिसमें 8 बेडरूम के साथ नौकरों के लिए चार कमरे और गैरेज शामिल है.

तीन मूर्ति लेन स्थित बंगले में जो कि पहले नितिन गडकरी को मिला था, उसके सामने एक कमरा बना दिया गया है. इसके अलावा एक कमरा पीछे भी बना है और एक नौकरों के क्वार्टर के पास भी. जबकि तालकटोरा रोड स्थित शत्रुघ्न सिन्हा के बंगले में एक अतिरिक्त कमरा और 1173 स्क्वॉयर फीट का दफ्तर बना है.

यूपीए के पूर्व मंत्री सुरेश कलमाड़ी को ऑफिस, रूम और शेड बनाने के लिए नोटिस भी मिल चुका है. इसके अलावा सीपीडब्ल्यूडी ने 2006 में कलराज मिश्रा द्वारा बनाए गए बैडमिंटन कोर्ट पर भी आपत्ति जताई थी. रामविलास पासवान ने 2 अवैध एयरकंडीशंड केबिन बनाए हैं. इनके अलावा सीपीडब्ल्यूडी ने दीपेंद्र हुड्डा को भी 6113 स्क्वॉयर फीट में बनाए गए कमरा, टॉयलेट और शेड के लिए नोटिस भेजा है.

2006 में केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा था कि सरकारी बंगलों में सांसदों द्वारा कराए गए अवैध निर्माण को हटा दिया जाएगा. कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया था.