इलाहाबाद : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कृषि अधिकारियों के परीक्षा परिणाम पर रोक मनीष उपाध्याय और 17 अन्य की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई पर लगाई है। याचिका में कोर्ट को बताया गया कि आयोग की अधीनस्थ कृषि सेवा वर्ग-3 परीक्षा के लिए 22 अक्टूबर 2013 को विज्ञापन जारी किया गया था। विज्ञापन के मुताबिक 6628 पदों पर भर्ती की जानी थी। इसमें सामान्य के लिए 3616, एससी के 2211, एसटी के 235 और ओबीसी के 566 पद तय किए गए थे। 30 मार्च 2014 को हुई लिखित परीक्षा के बाद ओबीसी के लिए पहले तय 566 पदों को बढ़कर 2030 कर दिया गया। जब साक्षात्कार हुए तो 21 मई 2014 को 3130 ओबीसी अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया गया। जबकि आयोग के नियमों के मुताबिक विज्ञापन जारी होने के बाद कुल पदों की संख्या तो घटाई या बढ़ाई जा सकती है, लेकिन किसी वर्ग विशेष के पदों को घटाया-बढ़ाया नहीं जा सकता है।
याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने रिजल्ट निकालने के तरीके पर ऐतराज जताते हुए आयोग को सिलेक्टेड कैंडीडेट्स का नाम उपलब्ध कराने का आदेश दिया। कोर्ट ने पूछा कि ऐसा कैसे संभव है कि सरकार के पास लोक सेवाओं में प्रतिनिधित्व का कोई आंकड़ा ही नहीं है और अगर ऐसा है, तो गलत है। सुनवाई अब एक महीने के बाद होगी।