इंफाल: मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने दो दशक के सबसे भयावह हमले में गुरुवार को सेना के एक काफिले पर घात लगाकर हमला किया जिसमें कम से कम 18 सैन्यकर्मी मारे गए और 11 अन्य घायल हो गए।
हमले में सैनिकों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मणिपुर में आज का अविवेकपूर्ण हमला बहुत ही दुखद है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुर में उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में मारे गए सेना के 18 जवानों के परिजन के प्रति आज अपनी संवेदना जाहिर की और कहा कि त्रासदी की इस घड़ी में हम आप सभी के साथ हैं।
सेना और प्रशासनिक अधिकारियों को इस हमले में मणिपुर के उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) तथा मीतेई विद्रोही संगठन कांगलेई यावोल कन्ना लुप (केवाईकेएल) के शामिल होने का संदेह है जो हमलों में बारूदी सुरंगों, रॉकेट चालित ग्रेनेड और स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए ट्वीट किया, मणिपुर में आज किया गया कायराना हमला अत्यंत दुखद है। मैं राष्ट्र के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले हर सैनिक को नमन करता हूं।
एक पुलिस अधिकारी ने यहां बताया कि 6 डोगरा रेजीमेंट का एक दल इंफाल से लगभग 80 किलोमीटर दूर तेंगनोपाल-न्यू समतल रोड पर सामान्य दिनों की तरह रोड ओपनिंग पेट्रोल (आरओपी) पर था। उसी समय एक अज्ञात उग्रवादी संगठन ने घात लगाकर शक्तिशाली देसी बम (आईईडी) से दल पर हमला कर दिया।
सेना के सूत्रों ने बताया कि आईईडी विस्फोट के बाद उग्रवादियों ने आरपीजी और स्वचालित हथियारों से सेना के चार वाहनों के काफिले पर भारी गोलीबारी शुरू कर दी।
सेना के प्रवक्ता कर्नल रोहन आनंद ने दिल्ली में बताया, हमले में 18 सैन्यकर्मी मारे गए और 11 घायल हो गए। पहले आनंद ने मरने वालों की संख्या 20 बताई थी। पुलिस ने बताया कि एक संदिग्ध उग्रवादी भी मारा गया है।
हमला सुबह नौ बजे के आसपास तब हुआ जब गश्ती दल पारालोंग और चारोंग गांवों के बीच में एक स्थान पर पहुंचा था।
मणिपुर के गृह सचिव जे सुरेश बाबू ने कहा कि यह काम पीएलए का लगता है जिसमें केवाईकेएल संगठन की ओर से मदद मिलने का भी संदेह है। हम अभी और जानकारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि सेना का मानना है कि हमले में केवाईकेएल का हाथ है।
सेना के अनुसार हमले का स्थान भारत-म्यांमार सीमा से करीब 15-20 किलोमीटर दूर है।
रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस कायराना कृत्य को अंजाम देने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने निर्देश दिया कि हमले में शामिल किसी उग्रवादी को खुला नहीं घूमने देना चाहिए और इस हमले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ यथासंभव कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। रक्षा सूत्रों ने कहा कि सेना पर पिछले दो दशक में हुआ यह सबसे भयावह हमला है।
सूत्रों के अनुसार, इस तरह के घात लगाकर किए गए हमले 90 के दशक के मध्य में केवल जम्मू कश्मीर में सुने जाते थे। सुरक्षा बलों का एक दल उग्रवादियों की धरपकड़ के लिए मौके पर पहुंचा। घायलों को उपचार के लिए हवाई मार्ग से नगालैंड के दीमापुर ले जाया गया।
मणिपुर में सेना के 18 जवान शहीद, 11 घायल, पीएम मोदी ने की निंदा
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