पटना : बिहार में सीएम नीतीश कुमार और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बीच नई लड़ाई देखने को मिली है। सीएम आवास में रह रहे जीतन राम मांझी ने दावा किया है कि नीतीश ने उनके परिसर में लगे फलों को तोड़ने पर रोक लगा दी है । इसके लिए बाकायदा दो दर्जन पुलिस वाले तैनात किए गए हैं कि कहीं फलों को तोड़ न लिया जाए।
पटना में 1 अणे मार्ग पर स्थित सीएम आवास के परिसर में लगे लीची, आम और कटहल के 100 से ज्यादा पेड़ों के फलों की सुरक्षा के लिए 24 हथियारबंद पुलिस वाले तैनात किए गए हैं।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने बुधवार को दावा किया कि नीतीश कुमार ने ही इन पलिसवालों को यहां तैनात किया है। इनसे पेड़ों पर लगे हर फल का हिसाब रखने को कहा गया है कि वह पेड़ से तोड़ा गया है या अपने आप गिरा है। इन पेड़ों पर लगे फलों की निगरानी में 8 दारोगा, 16 सिपाही समेत 24 पुलिसवाले तैनात हैं।
जीतन राम मांझी के सचिव ने कहा है कि पूर्व सीएम के माली ने एक बार लीची तोड़ने की कोशिश की तो माली को पुलिस पकड़ कर ले गई थी। अब लीची न मांझी तोड़ रहे हैं और न ही नीतीश कुमार।
इसी साल फरवरी में मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद मांझी ने खुद के लिए वैकल्पिक व्यवस्था न होने की बात कहकर मुख्यमंत्री आवास खाली करने से मना कर दिया है। फिलहाल, नीतीश कुमार 7, सकुर्लर रोड स्थित एक सरकारी आवास में रह रहे हैं।
मांझी ने कहा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि नीतीश इस हद तक जा सकते हैं।' मांझी की पार्टी के लोगों को पेड़ों के पास जाने की इजाजत नहीं है।
मांझी की पार्टी हिंदुस्तान अवामी मोर्चा (हम) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, 'नीतीश कुमार को कानून और व्यवस्था स्थापित करने के लिए पुलिस तैनात करनी चाहिए, वह फलों और सब्जियों की चिंता कर रहे हैं। नीतीश जी न तो मांझी जी के साथ घर बदलने को तैयार हैं और न ही उनके रहने का कोई वैकल्पिक इंतजाम कर रहे हैं।' जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसे 'हम' का प्रचार पाने का तरीका कहा है।
नीतीश ने मांझी के आम और लीची खाने पर रोक लगाने के लिए की पुलिस की तैनाती
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