नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय उन अधिकारियों की सैलरी रोक सकता है, जिन्होंने लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग की सहमति के बिना दिल्ली सरकार की ऐंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) को जॉइन किया है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार अगर एलजी ने स्वीकृति नहीं दी है, तो अधिकारियों के नियुक्ति 'अवैध' हैं। अगर सर्विस नियमों को नहीं फॉलो किया जाता है, तो केंद्र सरकार अधिकारियों की सैलरी रोक सकती है।
दिल्ली के अधिकारियों को सैलरी देने का अधिकार केंद्र के गृहमंत्रालय के पास है। गृह मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया है कि दिल्ली एसीबी में उसकी सहमति के बिना कोई भी अपॉइंटमेंट नहीं होगी।
गृह मंत्रालय के अनुसार सीआरपीसी के तहत एसीबी एक पुलिस स्टेशन है और दिल्ली पुलिस एलजी के अधिकारों के अंदर आती है। इसी वजह से एसीबी में अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर दिल्ली की आप सरकार और एलजी के बीच विवाद चल रहा है।
सूत्रों के अनुसार जिन अधिकारियों को बिहार सरकार ने दिल्ली एसीबी जॉइन करने के लिए क्लियर किया था, उन्होंने नए असाइनमेंट को लेने से इनकार कर दिया है।
रुक सकती है दूसरे राज्यों से ACB में आए अधिकारियों की सैलरी
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