जींद : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सफीदों और आसपास के क्षेत्र के विकास के लिए करीब 40 करोड़ रुपये की प्रोजेक्टों को मंजूरी दी है। उन्होंने ऐलान किया कि जल्द ही जींद में एक मेडिकल कॉलेज भी स्थापित किया जाएगा, जिससे प्रदेश में चिकित्सों की कमीं को पूरा करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा सफीदों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को 50 बिस्तर का सिविल हस्पताल बनाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री रविवार को सफीदों में आयोजित जनसभा में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि सरकार की योजना के तहत सफीदों के अस्पताल को अपग्रेड करके 50 बिस्तर का किया गया है, जहां सभी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने सफीदों तथा आसपास की करीब एक दर्जन से अधिक सड़कों के निर्माण तथा मरम्मत के लिए 28 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। सफीदों के ड्रेन को पक्का करने के लिए 5 करोड़ और पानी की व्यवस्था करने के लिए 6 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जींद में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा, जिससे प्रदेश में चिकित्सों की कमीं को पूरा करने में सहायता मिलेगी। पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए जींद के सिविल अस्पताल में नर्सिंग कोर्स शुरू किए जाएगें। प्रदेश में जल्दी ही 5 हजार सिपाहियों की भर्ती मेरिट आधार पर की जाएगी। प्रदेश के लोगों के लिए सभी 6500 गांवों में व्यायाम एवं योगशालाएं खोली जाएगीं। जिसके तहत सफीदों क्षेत्र के 10 गांवों में व्यायाम एंव योगशालाओं के साथ ग्राम सचिवालय बनाया जाएगा। इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक, सफीदों के विधायक जसबीर देशवाल, उचाना की विधायक प्रेमलता आदि भी मौजूद थे।

हुड्डा के आन्दोलन को कमजोर करने की रणनीति

माना जा रहा है कि सीएम खट्टर प्रदेश सरकार के खिलाफ कंडेला गांव से आंदोलन शुरु करने की घोषणा कर चुके पूर्व सीएम हुड्डा के आंदोलन की धार कुंद करने के लिए विशेष रणनीति के तहत कंडेला में पंहुचे थे और उन्होने खाप पंचायतों की जमकर सराहना की। बताया गया कि आनन-फानन में यह कार्यक्रम रखा गया। गौरतलब है कि एक दशक तक हरियाणा में सत्ता की बागडोर संभालने वाले पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 31 मई से जींद के गांव कंडेला से संघर्ष की शुरूआत करने की घोषणा कर रखी है। हुड्डा के आंदोलन का मकसद रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जींद, कैथल आदि जिलों को एक तरफा अपने समर्थन में लाने के अलावा जाट समुदाय के नेता के रूप में स्थापित होना है। वह जाटों में अपने खोये हुए आधार को फिर से पाने की कोशिश में हैं। जींद जिले की पांच विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के पास आज के दिन एक भी नहीं है। किसी समय में कांग्रेस का झंडा उठाने वाले चौधरी बीरेंद्र सिंह आज बीजेपी में हैं तो रणदीप सुरजेवाला राष्ट्रीय राजनीति में व्यस्त हैं। बांगर की धरती की आवाज उठाने वाले आईएनएलडी नेता जेल में हैं।

जींद का राजनीतिक कनैक्शन

जींद जिले को हरियाणा का दिल कहा जाता है। जिसके चलते हरियाणा गठन से लेकर आजतक सभी नेताओं ने अपने राजनीतिक संघर्ष की शुरूआत जींद से ही की है। चौधरी देवीलाल, बंसीलाल, भजनलाल, चौधरी ओमप्रकाश चौटाला समेत तमाम बड़े नेताओं को यहीं से राजनीतिक संजीवनी मिली है। हुड्डा ने भी इससे पहले दो बार अपने राजनीतिक संघर्ष की शुरूआत यहीं से की थी। अब भी इस घेषित आन्दोलन के पिछे हुड्डा का मकसद राज्य के जाटों को लामबंद करना है।