लंदन। इंग्लैंड के अखबारों ने पांचवें और अंतिम टेस्ट में टीम इंडिया की शर्मनाक हार की कड़ी आलोचना की है। भारतीय टीम रविवार को इंग्लैंड से अंतिम टेस्ट पारी और 244 रन से हार गई। इसके साथ ही भारत के लचर प्रदर्शन में रविवार को एक नई कड़ी जुड़ी, जब टीम को पिछले 40 साल में अपनी सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा। टीम सिर्फ तीन दिन के भीतर ही हार गई जिससे इंग्लैंड ने सीरीज 3-1 से जीत ली।
इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ज्यॉफ बॉयकॉट ने डेली टेलीग्राफ में अपने कॉलम में लिखा, 'भारतीय बल्लेबाज वध के लिए पहुंचे मेमनों की तरह थे। उन्होंने एक बार फिर लचर प्रदर्शन किया। उनके बल्लेबाजों में जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे दुनिया के दो सर्वश्रेष्ठ टेस्ट गेंदबाजों का सामना करने के लिए जज्बे और तकनीक की कमी थी। इस तरह की पिचों पर वे किसी भी बल्लेबाज को ढेर कर सकते हैं और इन प्रतिभावान लड़कों (भारतीय बल्लेबाजों) को इन हालात में खेलने का कोई अनुभव नहीं था।'
द इंडिपेंडेंट ने लिखा, 'भारतीय बल्लेबाजों की प्रतिष्ठा को नुकसान उठाना पड़ा है और विराट कोहली को तो कुछ अधिक ही नुकसान हुआ है। वह एकमात्र ऐसे बल्लेबाज के रूप में आए थे जो खेल के सभी प्रारूपों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज के खिताब के लिए एबी डी विलियर्स को चुनौती दे सकते है। वह सीरीज में सिर्फ 13.40 के औसत से रन बना पाए। वह जेम्स एंडरसन से सिर्फ 22 रन अधिक बना पाए जिन्होंने उनसे पांच पारियां कम खेलीं। अब उन्हें कोई नया (सचिन) तेंदुलकर नहीं कह रहा।'
बीबीसी ने कहा, 'लोग अंतिम दो टेस्ट में बल्ले से भारत के लचर प्रयास के बारे में बात करेंगे, लेकिन इससे इंग्लैंड की उपलब्धियों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। इंग्लैंड ने ही भारत को ऐसी स्थिति में डाला और जब आप मैदान पर टीम के रूप में उतरते हो तो आपको निर्ममता दिखानी होती है। मेहमान टीम के लिए सबसे बड़ी समस्या यह रही कि सबसे पहले तो उन्होंने एंडरसन-जडेजा विवाद से अपना ध्यान पूरी तरह भटकने दिया और दूसरा, टेस्ट मैचों के बीच में उनके पास इतना समय नहीं था कि खिलाड़ी एकजुट हो सकें और फॉर्म हासिल कर सके
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