नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच क्षेत्राधिकार को लेकर चल रही तनातनी का मुद्दा शनिवार को राष्ट्रपति के द्वार तक पहुंचा। कार्यवाहक मुख्य सचिव के पद पर नियुक्ति को लेकर हुए नए विवाद के बीच सीएम केजरीवाल ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है।


विरोध के बावजूद गेमलिन ने पद संभाला: अरविंद केजरीवाल के विरोध के बावजूद एलजी नजीब जंग ने ऊर्जा सचिव शकुंतला गेमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किया है। गेमलिन ने भी सीएम की आपत्ति को दरकिनार करते हुए सुबह कार्यभार संभाल लिया। इससे नाराज केजरीवाल ने नियुक्ति का आदेश जारी करने वाले सचिव ऑनिंदो मजूमदार का तबादला कर दिया। एलजी ने इसे असंवैधानिक करार दिया है।


भाजपा पर लगाए साजिश के आरोप: डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा द्वारा तख्तापलट की साजिश करार दिया है। बता दें कि केजरीवाल सरकार गेमलिन पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी उनकी नियुक्ति का विरोध कर रही थी।
 
दिनभर की गहमागहमी

11:00 बजे सुबह सीएम ऑफिस ने गेमलिन को कार्यभार संभालने से रोका

12:00 बजे गेमलिन ने कार्यभार संभाला

1:00 बजे दोपहर अफसर परिमल राय ने सीएम का पद संबंधी प्रस्ताव ठुकराया

3:00 बजे केजरीवाल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने का समय मांगा

4:00 बजे सीएम ने सेवा विभाग के प्रमुख सचिव मजूमदार का तबादला किया

6:00 बजे जंग ने अपने फैसले को संवैधानिक, तबादले को असंवैधानिक कहा


क्या एक ऐसे व्यक्ति को मुख्य सचिव बनाया जाना चाहिए जो बिजली कंपनियों के बेहद करीब रहा हो? पूरे देश में नेताओं-अफसरों व कंपनियों के बीच गठजोड़ है। हम इसे तोड़ना चाहते हैं। इसीलिए पूरा तंत्र विरोध कर रहा है।
- अरविंद केजरीवाल, ट्विटर पर
 
अब राष्ट्रपति से आस

जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के अधिकारों को लेकर कोई ठोस फैसले की मांग कर सकते हैं। क्योंकि पिछले 90 दिनों में दोनों के बीच कई मुद्दों पर गतिरोध पैदा हुआ। ऐसे में अगर मुख्यमंत्री को संतोषजनक सुझाव नहीं मिलता है तो वो इस मुद्दे को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं।