नई दिल्ली: दिल्ली में शकुंतला गैमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किए जाने को लेकर केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मसले पर सोशल मीडिया के जरिए दिल्लीवासियों की राय मांगी है।
केजरीवाल ने वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन पर बिजली कंपनियों से नजदीकी होने का आरोप लगाते हुए पूछा यदि कोई अधिकारी उद्योग घरानों का नजदीकी है, तो क्या उसे दिल्ली में शीर्ष नौकरशाह पद देना चाहिए। उन्होंने ट्वीट करके यह भी पूछा कि शहर के नागरिकों द्वारा चुने गए किसी मुख्यमंत्री को अधिकारी चुनने का अधिकार होना चाहिए या नहीं।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री का समर्थन किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि पसंद करिये या नहीं, सही पसंद हो या गलत, एक मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों की टीम चुनने को मुक्त होना चाहिए। पीछे से सरकार चलाना लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाता है।
इस बीच AAP ने उपराज्पाल पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह संविधान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (GNCT) कानून के प्रावधानों के तहत काम नहीं कर रहे हैं। कार्यवाहक मुख्य सचिव के रूप में शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति को लेकर सीएम केजरीवाल की ओर से निशाना साधे जाने के बाद उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा कि उन्होंने भारत के संविधान के तहत अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के मुताबिक काम किया है। आज की तारीख तक उपराज्यपाल की ओर से ऐसा कोई एक भी कदम नहीं उठाया गया, जो संविधान के प्रावधानों के विपरीत हो।
केजरीवाल जनता से बोले, CM के पास अधिकारी चुनने का हक होना चाहिए? या नहीं, दें अपनी राय
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