भोपाल : पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का राम मंदिर निर्माण को लेकर दर्द सामने आ गया.  उन्होंने कहा है कि सरदार पटेल जैसा मनोबल वाला व्यक्ति हो तो रामंदिर का निर्माण संभव हैं.

दो दिवसीय दौर पर राजधानी आए शंकराचार्य ने कहा कि सरदार पटेल जैसा मनोबल उनके बाद के शासकों में नहीं पाया गया. जवाहरलाल नेहरू के विरोध के बावजूद उन्होंने सोमनाथ मंदिर का निर्माण कराया. इस दौरान दूसरे धर्म के लोगों को भी उन्होंने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और सूझबूझ के जरिए मंदिर स्थल से दूसरी जगह पर ससम्मान बसाया.

हाल में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि मामला न्यायालय में है और राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए राम मंदिर निर्माण नहीं हो सकता है. गृहमंत्री के इस बयान से शंकराचार्य खासे नाराज हैं. शंकराचार्य ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चुनाव पूर्व ही भाजपा को पता था कि राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. इसके बावजूद आरएसएस के जरिए राम मंदिर बनाने के नाम पर वोट मांगे गए और अब वादाखिलाफी की जा रही है.

शंकराचार्य ने कहा कि देश के बड़े राजनीतिक दलों को राम मंदिर बनाने का प्रस्ताव लाना चाहिए. फिर इस प्रस्ताव पर सभी दलों की सहमति के प्रयास किए जाना चाहिए. शंकराचार्य ने कहा कि राजनीतिक दल अपनी मजबूरी के चलते ऐसा नहीं कर पाते है तो यह मसला धर्माचार्यों के ऊपर छोड़ देना चाहिए.

शंकराचार्य ने कहा कि देश के करोड़ों लोगों की आस्था राम मंदिर से जुड़ी हुई हैं. बावजूद इसके बलप्रयोग कर मंदिर का निर्माण नहीं किया जा सकता. इसके लिए आम सहमति का रास्ता ही सबसे मुनासिब है.