भोपाल। लंबे समय से चली आ रही खींचतान के बाद आखिरकार राज्य सरकार व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) का नाम बदलकर 'मप्र भर्ती एवं परीक्षा मंडल" करने जा रही है। इसके लिए अधिनियम में बदलाव होगा। इस संबंध में तकनीकी शिक्षा विभाग ने कैबिनेट में अध्यादेश का प्रस्ताव भेजा है, जिसे मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट में रखा जाएगा।

पहले भी तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संजय सिंह ने अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा था, लेकिन मंत्रियों के विरोध के कारण इसे दो बार लौटा दिया गया। उन प्रस्ताव में व्यापमं पर सरकार का सीधा नियंत्रण रखा गया था।

बैठक में केन्द्र के समान राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों को छह फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाकर देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी जाएगी। सरकार ने इसकी घोषणा पहले कर दी थी। एक जनवरी 2015 से दिए जाने वाले महंगाई भत्ते से राज्य के खजाने पर 900 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा।

एक साल से चल रही है कवायद

व्यापमं का नया स्ट्रक्चर तैयार कर इसका नाम बदलने की कवायद तकनीकी शिक्षा विभाग एक साल से कर रहा है, लेकिन हर बार किसी न किसी स्तर पर प्रस्ताव अस्वीकृत हो जाता है। मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा खुद इस संबंध में एक दर्जन से अधिक बैठकें ले चुके हैं, लेकिन खाके को लेकर सहमति न बनने से निर्णय नहीं हो पाया था। व्यापमं में बड़े स्तर पर घोटाला उजागर होने के बाद इसकी छवि देश भर में खराब हुई है। इसलिए राज्य सरकार इसे लेकर काफी सतर्कता बरत रही है। इसके पहले व्यापमं का नया नाम 'राज्य कनिष्ठ सेवा आयोग" दिया जाना प्रस्तावित था, लेकिन मुख्य सचिव की असहमति के बाद नया नाम 'प्रवेश एवं भर्ती परीक्षा मंडल" प्रस्तावित है।

कब-कब क्या हुआ

- 4 मार्च 2014 को नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने आला अफसरों की बैठक बुलाकर स्ट्रक्चर बनाने के निर्देश दिए।

- 7 मार्च 2014 को मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर अफसरों को तलब कर सख्त हिदायत भी दी कि अब जरा भी गड़बड़ी हुई तो संबंधित पर कड़ी कार्रवाई होगी।

- 18 मार्च 2014 को व्यापमं के तत्कालीन अध्यक्ष एपी श्रीवास्तव ने नोटिफिकेशन पर सवाल खड़े कर व्यापमं के स्ट्रक्चर पर सवाल खड़े किए।

- 14 मई 2014 व्यापमं समिति ने व्यापमं का नाम 'राज्य कनिष्ठ सेवा आयोग" रखने का प्रस्ताव दिया, जिस पर मुख्य सचिव ने असहमति जताते हुए खारिज कर दिया।

- 7 जून 2014 को व्यापमं का संशोधन विधेयक तैयार हुआ। इसके बाद लगातार दो बार कैबिनेट से उसे लौटाया गया।

- 17 जुलाई 2014 को व्यापमं का नया नाम 'प्रवेश एवं भर्ती परीक्षा बोर्ड" रखने का प्रस्ताव भेजा गया।