ग्वालियर।आमी गांव में जगमोहन और श्यामसुंदर की हत्या के बाद पूरा परिवार उजड़ गया। दीपावली बाद घर में शहनाई बजना थी, लेकिन भाइयों ने जमीन के लालच में मातम पसार दिया। दोहरे हत्याकांड से गांव के लोग सहमे हुए हैं। लोग हत्यारों की करतूतें बताना चाहते हैं, लेकिन आरोपियों के खौफ से मुंह नहीं खोल पा रहे हैं।
आमी गांव निवासी रघुवीर ने बताया कि जबर सिंह व जगमोहन के बीच दुश्मनी की शुरूआत करीब 13 साल पहले चाचा उदय यादव की हत्या से हुई थी। उदय को अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी। बरसों गुजरने के बाद भी पुलिस हत्यारों का पता नहीं लगा सकी है। पति के कत्ल के बाद चाची सिलिया ने देवर जबर सिंह की बजाए भतीजे जगमोहन पर भरोसा कर अपने हिस्से की जमीन पर उसे खेती करने की इजाजत दी। जबरसिंह को भाभी की बात खटक गई।
परिवार में बैर न हो, इसलिए सिलिया ने कुछ समय के लिए मुकेश पुत्र जबरसिंह को भी जमीन जोतने के लिए दी। करीब एक साल पहले खेती का जिम्मा फिर जगमोहन को दिया। सिलिया की खेती पर जगमोहन का दोबारा कब्जा जबर सिंह और उसके बेटे बर्दाश्त नहीं कर पाए।
रघुवीर ने बताया श्यामसुंदर की सगाई हो चुकी थी, दीपावली बाद उसकी शादी तय हुई थी। जगमोहन छोटे भाई की शादी कर रहा था। इस बार फसल भी ठीक हुई थी। परिवार में इस पीढि की आखिरी शादी थी तो घरवाले खर्च में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे।
राजवीर निवासी आमी ने बताया मुकेश का पुश्तैनी मकान आमी गांव में है। करीब एक साल पहले आग लगने से उसका मकान खाक हो गया। चाची सिलिया ने उसे अपने घर के कमरे में जगह दी। उसके बाद मुकेश ने सिलिया के घर में कब्जा कर लिया।
पूरी योजना के बाद की गई हत्या
पुलिस का कहना है जबर सिंह ने बेटों के साथ पूरी योजना के साथ वारदात को अंजाम दिया है। जगमोहन जमीन से कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं था। यह बात मुकेश और जबरसिंह भांप चुके थे। इसलिए उसकी हत्या की प्लानिंग कर पूरे परिवार को सुरक्षित ठिकाने पर शिफ्ट करने का प्लान पहले से तैयार किया। दोनों भाइयों की हत्या कर आरोपी घर गए और पूरे परिवार को साथ लेकर फरार हो गए।
गांव के बाहर मिली बाइक
आरोपियों के घर पर पुलिस को ताला लगा मिला लेकिन सर्चिग में गांव के बाहर मुकेश की बाइक लावारिस पड़ी मिल गई। सूत्रों का कहना है हत्या के बाद मुकेश बाइक से भागा है। परिवार सहित भागने के लिए गांव के बाहर कोई चार पहिया वाहन आमी की सरहद के बाहर खड़ा रहा है। मुकेश ने गांव के बाहर निकल कर बाइक छोड़ी और उसी वाहन में सवार होकर भाग गया।
शव देख पिता बेसुध
सड़क पर दोनों बेटों की खून से लथपथ लाश देखकर पिता अर्जुनसिंह बेसुध हो गया। उसकी पथराई आखें कभी खेत को देखकर रही थीं तो कभी निढ़ाल पडे बेटों को। गांववालों के मुताबिक जगमोहन और श्यामसुंदर ही घर को चलाते थे। जगमोहन खेती करता था और श्यामसुंदर की दूध डेयरी थी। उनका छोटा भाई मानसिक विक्षिप्त है। अब परिवार में सिर्फ महिलाएं और बुर्जुग अर्जुनसिंह है।
आरोपियों की तलाश
दोहरे हत्याकांड कर फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। उनसे दोस्ती रखने वालों का पता लगाया जा रहा है। योगेश्वर शर्मा, एएसपी देहात
दीवाली बाद घर में बजनी थी शहनाई
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