
इंदौर। जमात उद दावा का प्रमुख हाफिज सईद दिन में देवता और रात में दानव की तरह है। वह पाकिस्तान में अनाथालय और स्कूल चलाता है लेकिन रात में उसका आतंकी वाला असली चेहरा सामने आ जाता है। वह पाकिस्तान के शहरों में खुलेआम घूमता है और उसके आगे-पीछे हजारों सुरक्षाकर्मी चलते हैं। उसका व्यक्तित्व विखंडित है। ऐसे लोग तोप-गोलियों से ठीक नहीं होते, बल्कि इन्हें सुधारने के लिए रूहानी, सद्भावना, प्रेम और सहानुभूति की दवा की जरूरत होती है। पहले मैं उसे अनपढ़ समझता था लेकिन वह इस्लाम का प्रोफेसर है और बातों को भलीभांति समझता है।
यह कहना है पाकिस्तान जाकर मुंबई हमले के आरोपी हाफिज सईद से मिलने वाले वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक का। वह रविवार को आनंद मोहन माथुर सभागार में नई दुनिया की श्रृंखला 'संवाद' में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। डॉ. वैदिक ने बताया कि मुलाकात के दौरान जब मैंने हाफिज सईद से मुंबई हमले को लेकर सवाल किए तो उसने हमले में हाथ होने से इन्कार किया और पूरा मामला पाकिस्तान सरकार पर थोप दिया।