भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया के सामने स्वीकार किया कि पिछले 11 सालों में पहली बार उनकी भी कुर्सी हिल रही थी। बातों ही बातों में उन्होंने कहा कि, कुर्सी के जोर-जोर से हिलने के बाद, जब वल्लभ भवन हिलने लगा तब, मैं भी कुर्सी छोड़कर भागा। मुख्यमंत्री ने यह बातें भूकंप के झटके लगने के बाद मंत्रालय खाली करवाते हुए मीडिया से कही।
गौरतलब है कि, व्यापमं समेत तमाम विरोधों के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी सलामत रही, लेकिन प्रकृति ने 1 मिनट में ही उन्हें कुर्सी से उठने पर मजबूर कर दिया। मीडिया के सामने मुख्यमंत्री ने स्वीकारा कि 11 सालों में पहली बार आज कुर्सी ऐसी हिली कि सब-कुछ छोड़कर बाहर आना पड़ा।
ऐसा लगा कि चक्कर आ रहे हैं
भूकंप के झटकों के बाद सीएम हाउस में पत्रकारवार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा, 'पहले लगा कि मुझे चक्कर आ रहे हैं लेकिन जब अधिकारियों के चेहरे भी उड़े हुए देखे तो समझ आया कि कुछ गड़बड़ है। तभी प्रजेंटेशन बोर्ड भी हिलने लगा। हम बैठक स्थगित कर बाहर निकले। बीस मिनट तक पूरे प्रदेश के हालात की समीक्षा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इससे अवगत कराया।'
कामकाज निपटा रहे थे सीएम, तभी आया भूकंप
शनिवार को राजधानी में भूकंप के झटके आने के बाद प्रदेश के सत्ता केंद्र, मंत्रालय में भगदड़ मच गई। जिस समय भूकंप के झटके आए, उस समय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पांचवीं मंजिल पर बैठे हुए थे। भूकंप के झटके चौथी और पांचवीं मंजिल पर सबसे ज्यादा महसूस किए गए। झटकों के बाद जैसे ही मंत्रालय का अलर्ट सायरन बजा, वैसे ही सबने नीचे दौड़ लगा दी। भागने वालों में सबसे पहले आला अधिकारी ही थे।
लिफ्ट बंद करने के दिए आदेश
मौके पर मौजूद दिलीप कुमार सकराडे ने बताया कि सभी अधिकारी लिफ्ट से न आकर, सीढिय़ों से भागे। सीएम ने लिफ्टमैन को मना कर दिया गया था कि वह लिफ्ट चालू न करे। मंत्रालय में मौजूद 5 हजार कर्मचारी अधिकारी कुछ ही मिनटों में सीढिय़ों से होते हुए मंत्रालय के बाहर निकल गए थे। सुरक्षा अधिकारियों को मना कर दिया गया था कि वे लंच के बाद तक किसी को भी अंदर न जाने दें, लंच टाइम के बाद ही किसी को अंदर जाने की परमिशन होगी।
फ्रेम स्ट्रक्चर के आधार पर बनाई गई थी बिल्डिंग, फिर भी महसूस हुए झटके
गौरतलब है कि मंत्रालय की बिल्डिंग को फ्रेम स्ट्रक्चर के आधार पर बनाया गया है। इसमें यह ख्याल रखा गया है कि यदि भूकंप आता है तो बिल्डिंग तहस-नहस न हो। मंत्रालय के बाहर मौजूद लोगों ने बताया कि दिग्विजय शासनकाल में सबसे ऊपर की मंजिल पर शेड बनने से इसका स्ट्रक्चर प्रभावित हो गया है। यही कारण है कि मंत्रालय में पहली बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं, सीपीए के अधीक्षण यंत्री जवाहर सिंह इस बात से इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि जैसे-जैसे ऊपर की ओर जाते जाएंगे, भूकंप की तीव्रता ज्यादा महसूस होगी। यही कारण है कि तीसरी मंजिल तक के लोगों को भूकंप ज्यादा महसूस नहीं हुआ लेकिन चौथी और पांचवी मंजिल पर टेबल तक नीचे गिर गई। लोगों को चक्कर आ गए।
भूकंप के झटकों के बाद बोले सीएम शिवराज
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