नई दिल्ली: भूकंप प्रभावित नेपाल से भारतीय वायुसेना ने करीब 550 भारतीयों को बाहर निकाला और भारत अपना बचाव एवं राहत अभियान तेज करते हुए विशेषज्ञों और उपकरणों को वहां ले जाने के लिए आज 10 विमानों और 12 हेलीकॉप्टरों को काठमांडो भेज रहा है.

एक रक्षा प्रवक्ता ने आज बताया कि कल रात 10 बज कर 40 मिनट से भारतीय वायुसेना के चार विमान 546 भारतीयों को लेकर नेपाल से यहां आए. पहला विमान सी..130जे चार बच्चों सहित 55 नागरिकों को लेकर आया.

मध्य रात्रि को सी..17 विमान 102 यात्रियों को लेकर आया और उसके बाद 152 यात्रियों को लेकर आईएल..76 विमान आया. सुबह करीब चार बजे सी..17 आया जिसमें 237 यात्री थे. इन सभी को विनाशकारी भूकंप के बाद नेपाल से यहां लाया गया.

 

नेपाल में भूकंप के कारण 1910 से अधिक लोगों की मौत हो गई.एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने बताया कि भारतीय प्राधिकारियों ने ‘‘बहुत तेजी से कार्रवाई की और मुझे लगता है कि जरूरत के समय नेपाल में मानवीय सहायता और राहत अभियानों में मदद करने के लिए भारत में इच्छुक प्रत्येक पक्ष सक्रिय हो गया.’’ उन्होंने कहा ‘‘आज हमने सेना, खास कर उनकी कुछ फील्ड इंजीनियर कंपनियों, रेजीमेंट की ओर से उपकरण लेकर 10 बड़े विमान भेजने की योजना बनाई है. एक विमान जा चुका है और अन्य विमान तैयार हो रहे हैं. अभियान पूरा दिन चलेगा.’’ नेपाल में संकट के समय मदद देने वाला पहला देश भारत आज अपना मिशन तेज कर रहा है. दिन में आठ मालवाहक विमान वहां जाने वाले हैं.

 

इन विमानों के जरिये उपकरण, राहत सामग्री और विशेषज्ञों को नेपाल भेजा जाएगा. सेना की ओर से चिकित्सकीय सहायता भी वहां जाएगी.खोज एवं बचाव मिशन में मदद के लिए आज कम से कम 12 हेलीकॉप्टर हिमालयी देश भेजे जाएंगे.

सेना, पुलिस और आपात सेवा के जवान मलबे में फंसे लोगों को निकालने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटे हुए हैं. भारतीय दूतावास के प्रवक्ता अभय कुमार ने बताया कि भूकंप की वजह से कुछ दीवारें ध्वस्त हो गयीं और दूतावास ने दो हेल्पलाइन शुरू की है. पहला हेल्पलाइन नंबर 977 98551107021 और दूसरा नंबर 977 9851135141 है.

आपात चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए भारत से 50 चिकित्सक पहुंच गए हैं.भूकंप से एक पर्वतारोही सहित चार चीनी नागरिकों की मौत हो गई और पांच गंभीर रूप से घायल हुए हैं . यह नेपाल में 1934 में आए 8.4 तीव्रता के भूकंप के बाद अब तक का सबसे विनाशकारी भूकंप है.