भोपाल : विधायकों के नए आवास के लिए अरेरा हिल्स की हरियाली को लेकर शहर के लोग काफी उद्वेलित हैं। शुक्रवार को दैनिक भास्कर में खबर छपने के बाद लगभग दो हजार लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी राय दी है। उनका कहना है कि समय के अनुसार विधायकों को सुविधा संपन्न आवास जरूरी हैं। मगर इसके लिए दूसरे विकल्पों पर विचार होना चाहिए। हरियाली हर हाल में बचनी चाहिए।

ज्यादातर लोगों ने सबसे बड़ा विकल्प सुझाया है पुराना विधायक विश्रामगृह, जो 9 एकड़ में फैला है। इसमें 400 फ्लैट हैं। जानकारों का कहना है कि इस हरे-भरे परिसर में इतनी गुंजाइश है कि 6-7 मंजिल इमारतें आसानी से तैयार हो सकती हैं। छत्तीसगढ़ बनने के पहले 320 विधायक हुआ करते थे। इनके लिए वर्ष 1958 में चार ब्लॉक बने थे।
तीन ब्लॉक में 102, 102 और 100 फ्लैट हैं। ये 450 वर्ग फीट में बने हैं। इसी के साथ एक पारिवारिक खंड बना, जिसमें 24 फ्लैट हैं। इसमें एक बैडरूम, हाॅल, किचन और बरामदा है। हर विधायक के नाम पर दो-दो आवंटित हैं। फिर 1980 में नया पारिवारिक खंड बना। दो ब्लॉक में 24-24 फ्लैट हैं।

जब यह जगह भी कम पड़ी तो 1986-87 में एक और पारिवारिक खंड बनाया गया। इसमें तीन ब्लॉक बने। इसमें सुविधा संपन्न 24 फ्लैट हैं। छत्तीसगढ़ बनने के बाद मध्यप्रदेश में 230 विधायक रह गए। इस लिहाज से विधायकों के मौजूदा विश्रामगृह पर्याप्त से ज्यादा हैं।

दो बंगलों पर 70 लाख खर्च
विधायक विश्रामगृह परिसर में दो बंगले भी हैं, जिन्हें गेस्ट हाउस बनाया जा रहा है। इसके रेनोवेशन पर 70 लाख खर्च किए जा रहे हैं। परिसर में मालवीय नगर की तरफ के प्रवेशद्वार के बाहर शेड की जगह है, जिस पर कर्मश्री संस्था चल रही है। यह भी बड़ा हिस्सा है।

प्रोजेक्ट ड्रॉप होना चाहिए
यह बहुत बड़ी फिजूलखर्ची है। पुराने विश्रामगृह में ही इतनी जगह है कि ऊंची इमारतें बनाई जा सकती हैं। यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से अनुपयोगी है। इसे विधानसभा और सरकार को ही ड्रॉप करना चाहिए। हरियाली किसी भी कीमत पर नष्ट नहीं होनी चाहिए। - केएस शर्मा, पूर्व मुख्य सचिव, मप्र

फैसला समझ के परे
छत्त‌ीसगढ़ बनने के बाद पुराने विधायक विश्रामगृह में इतनी जगह है कि यह प्रोजेक्ट वहां पूरा हो सकता है। नई जगह पर लाना समझ के परे है। एक भी पेड़ क्यों कटे? - अरुण गुर्टू , पूर्व डीजीपी