नई दिल्लीः मोबाइल पर इंटरनैट इस्तेमाल करने वालों के लिए बुरी खबर है। इंटरनैट निरपेक्षता को लेकर चल रही बहस के बीच मोबाइल ऑपरेटरों ने कहा है कि यदि उन्हें स्काइप और व्हॉट्सएप्प जैसी इंटरनैट बेस्ड सेवाओं की तरह ही समान अवसर की पेशकश नहीं की जाती है तो डेटा मूल्य 6 गुना तक बढ़ाकर ही वे कारोबार में बने रह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह की ऊंची दरों से बड़ी संख्या में लोगों के लिए इंटरनैट का इस्तेमाल करना किफायती नहीं रह जाएगा। सभी संचार सेवाओं के लिए एक समान नियमन का पक्ष लेते हुए जीएसएम मोबाइल उद्योग के निकाय सीओएआई ने कहा कि ऑपरेटरों को सेवा की गुणवत्ता के लिहाज से विकास के समान अवसर सुनिश्चित करने, सरकार के साथ राजस्व सांझा करने और किसी आतंकी गतिविधि को रोकने के लिए संचार की निगरानी सुनिश्चित करने की जरूरत है लेकिन ये नियम इंटरनैट आधारित मैसेजिंग व कॉलिंग एप्लिकेशंस पर लागू नहीं होते। सीओएआई के वाइस चेयरमैन व भारती एयरटेल इंडिया के प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल ने कहा कि यदि एक जैसे नियम लागू नहीं किए जाते हैं तो इस उद्योग के पास कारोबार में बने रहने के लिए एक ही उपाय है और वह है डेटा की दरें छह गुनी करना।
इंटरनैट सर्विस प्रवाइडर्स के निकाय आईएसपीएआई ने सुझाव दिया है कि दूरसंचार नियामक ट्राई को नैट निरपेक्षता को परिभाषित करने के लिए 'समान सेवाओं के लिए समान नियम' अपनाना चाहिए। साथ ही इस बात पर सहमति जताई कि कीमत या स्पीड के लिहाज से इंटरनैट तक पहुंच में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। आईएसपीएआई ने ट्राई के परिपत्र पर भेजे अपने जवाब में यह कहा है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन आने वाला निकाय न्यूट्रल इंटरनैट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (निक्सि) ने कहा है कि वह नैट निरपेक्षता का समर्थन करता है और दूरसंचार कंपनियों का सेवाओं को चयनित रूप से देने का कोई भी कदम इंटरनैट की मूल धारणा के खिलाफ है। निक्सि आईपी या 'कंप्यूटर अड्रेस' से संबंधित मुद्दों पर इंटरनैट सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय करता है।
निक्सि ने बयान में कहा कि दूरसंचार कंपनियों का सेवाओं को चयनित रूप से देने का कोई भी कदम इंटरनैट की मूल धारणा के खिलाफ होगा।
6 गुना महंगा हो सकता है मोबाइल इंटरनैट!
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