नई दिल्ली । दिल्ली में इबोला के पहले मरीज की पुष्टि हुई है। आरएमएल अस्पताल में भर्ती नाइजीरियाई मरीज की एलिजा जांच में सामने आया है कि वह इबोला से संक्रमित है। मरीज के खून के नमूने को विस्तृत व दोबारा जांच के लिए पुणे स्थित नेशनल वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट भेजा गया है। फिलहाल आरएमएल अस्पताल के डॉक्टर एलिजा टेस्ट को संदेहास्पद मान रहे हैं। डॉक्टरों को जांच की दूसरी रिपोर्ट का इंतजार है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर इबोला के इलाज के लिए आरएमएल अस्पताल में छह बेड का आइसोलेशन आइसीयू वार्ड बनाया गया है। शनिवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से तीनों नाइजीरियाई नागरिकों को आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसमें से एक 76 वर्षीय बुजुर्ग, एक महिला व उसका चार साल का बच्चा शामिल है। तीनों के ब्लड सैंपल को जांच के लिए एनसीडीसी [नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल] में भेजा गया था। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, मां-बेटे की रिपोर्ट निगेटिव है। उनमें इबोला की पुष्टि नहीं हुई है, जबकि बुजुर्ग की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एचके कार ने कहा कि मामला संदेहास्पद है। इसलिए पीसीआर [पॉलिमरस चेन रिएक्शन] जांच के लिए सैंपल एनसीडीसी से पुणे भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट आने का इंतजार है। रिपोर्ट आने के बाद ही निश्चित हो पाएगा कि इबोला है या नहीं। दूसरी जांच रिपोर्ट में भी इबोला की पुष्टि हुई तो यह देश के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है।

क्या है इबोला-

इबोला संक्रामक हेमरेजिक बुखार है जो इबोला वायरस के संक्रमण से होता है। तेज बुखार, सिर दर्द, पेट दर्द, उल्टी, शरीर के अंदरुनी हिस्सों में रक्तस्त्राव, त्वचा गलना आदि इसके लक्षण हैं। मरीज को छूने या संक्रमित ब्लड के संपर्क में आने से फैलता है। यह हवा में संक्रमित होकर नहीं फैलता है।