बिहार  | को शराब सहित हर तरह के नशे से मुक् करने के लिए सबसे बड़े अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है। नशा मुक्ति दिवस के मौके पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आजीवन शराब सहित किसी तरह के नशे का सेवन नहीं करने के लिए पूरे बिहार वासियों को संकल् दिलाया। उन्होंने इस खास मौके पर जागरुकता रथों को रवाना किया, जो आम लोगों के नशे की बुराई के बारे में बताएंगे। सीएम ने कहा कि दूसरों को भी शराब के सेवन के लिए प्रेरित नहीं करना है। शराब से जुड़ी गतिविधियों से अपने को अलग रखना है। राज्य सरकार के सभी कर्मचारी अफसरों को अपने-अपने सरकारी कार्यालयों में इसकी शपथ लेने की हिदायत दी गई है। सभी को इससे जुड़ा शपथ-पत्र भरकर उस पर हस्ताक्षर करना है, जिसकी प्रति डीएम के माध्यम से मुख्यालय तक आएगी।

2018 में भी दिलाई गई शपथ

इसके पूर्व 2018 में भी सरकारी कर्मियों अफसरों ने शराब पीने की शपथ ली थी। पटना में सुबह 11:30 बजे से ज्ञान भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अतिरिक्त उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद रेणु देवी की विशेष उपस्थिति रहेगी। इस बार के शपथ कार्यक्रम की खासियत यह है कि शपथ लेने वालों को शपथ पत्र पर अपना हस्ताक्षर भी करना है।

गांधीजी के संदेश की होगी चर्चा

नशा मुक्ति दिवस के आयोजन में यह चर्चा भी होगी कि गांधीजी ने किस तरह हमेशा शराब का विरोध किया। उन्होंने कहा था कि शराब आदमियों से सिर्फ उसका पैसा छीन लेती है, बल्कि उनकी बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है। यदि मुझे एक घंटे के लिए भारत का तानाशाह बना दिया जाए तो मैं सबसे पहले शराब की सभी दुकानों को बिना क्षतिपूर्ति के बंद कर दूंगा।

शराब के कारण 30 लाख लोगों की मौत

शराब के दुष्प्रभावों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट पर भी बात होगी। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट यह कहती है कि 2016 में शराब के कारण विश्व भर में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई है। यह विश्व में कुल मृत्यु का 5.3 प्रतिशत है। शराब के सेवन के कारण युवाओं में मृत्यु दर बूढ़े लोगों की अपेक्षा काफी अधिक है। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु शराब के कारण होती है। शराब के कारण टीबी, एचआइवी मधुमेह से होने वाली मृत्यु अधिक है। शराब लगभग दो सौ बीमारियों को बढ़ाती है। आत्महत्या के कुल मामलों में 18 प्रतिशत, आपसी झगड़े में 18 प्रतिशत, सड़क दुर्घटनाओं में 27 प्रतिशत और मिर्गी में 13 प्रतिशत मामले शराब के सेवन के कारण ही होते हैं।