टीकमगढ़ : मध्य प्रदेश में अन्नदाता की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से बर्बाद हुई फसल और कर्ज में डूबे किसानों का जान देने का सिलसिला जारी है. इस कड़ी में अब टीकमगढ़ के किसान वीरेंद्र का नाम भी जुड़ गया है. वीरेंद्र ने खेत में फांसी लगाकर जान दे दी.
टीकमगढ के चौमो गांव में जिस खेत में वीरेंद्र ने अपना खून-पसीना लगा दिया था, उसी खेत में पेड़ पर फांसी लगाकर इस किसान ने अपनी जान दे दी. वीरेन्द्र के पास 5 एकड़ जमीन थी, जिस पर उसने गेहूं की खेती की थी. लेकिन इस बेमौसम बारिश ने वीरेन्द्र के अरमानों पर पानी फेर दिया. 5 एकड़ में मात्र दो बोरे ही गेहूं की पैदावार हुई.
किसान के परिजनों का कहना है कि फसल खराब होने की वजह से वीरेंद्र काफी परेशान थे. उन पर करीब 80 हजार रुपए बैंक का कर्ज था, जबकि बिजली के बिल का भी 40 हजार रुपए बकाया था. इस बार फसल अच्छी नहीं होने की वजह से संकट गहरा गया और परेशान होकर उन्होंने जान दे दी.
संकट में अन्नदाता, कर्ज में डूबे किसान ने दी जान
आपके विचार
पाठको की राय