नई दिल्ली । टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज और भरोसेमंद के नाम से विख्यात बल्लेबाज राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का हेड कोच नियुक्त कर दिया गया है। टी-20 विश्व कप के खत्म होने के बाद वह अपना कार्यकाल संभालेंगे। हालांकि, द्रविड़ के सामने कई चुनौतियां होंगी क्योंकि अगले दो साल में टीम को दो वर्ल्ड कप खेलने हैं और उसके लिए टीम को तैयार करना होगा। साथ ही आईसीसी टूर्नामेंट्स में सेमीफाइनल और फाइनल तक का सफर तय करने के बावजूद ट्रॉफी को हासिल ना कर पाने की कमजोरी पर भी द्रविड़ को काम करना होगा। भारतीय टीम ने साल 2013 में आखिरी आईसीसी ट्रॉफी जीती थी और उसके बाद से टीम खिताब के करीब तो पहुंची पर उस पर कब्जा नहीं जमा सकी है। टेस्ट क्रिकेट में तो टीम लगातार अच्छा कर रही है, लेकिन द्रविड़ के सामने लिमिटेड ओवर में टीम के प्रदर्शन को सुधारने की चुनौती होगा खासतौर पर टी-20 क्रिकेट में, जहां टीम की स्थिति काफी नाजुक दिखाई देती है।
टीम इंडिया में अभी भी सुपरस्टार खिलाड़ियों की भरमार है। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो सीरीज़ जीत चुकी है, इंग्लैंड में सीरीज़ जीत से बस एक कदम दूर है, घर में अपराजेय है और पिछले आठ आईसीसी टूर्नामेंट के कम से कम सेमीफ़ाइनल तक पहुंची है। हालांकि यह टीम इंडिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण और बदलाव का समय है। टीम के कई प्रमुख खिलाड़ी अपने करियर के लगभग अंतिम पड़ाव पर हैं। कप्तान विराट कोहली ने टी20 की कप्तानी छोड़कर इसके संकेत भी दे दिए हैं। उनके उपकप्तान रोहित शर्मा, उम्र में उनसे बड़े ही हैं। इसके अलावा शमी, आश्विन, पुजारा और रहाणे जैसे कई खिलाड़ी 30 की उम्र को पार कर चुके हैं।
चयनकर्ताओं के साथ कोच द्रविड़ को भी इस बदलाव के दौर में बहुत सावधान रहना होगा। इससे पहले के टीम मैनेजमेंट को टीम के अंदर किसी ख़ास चुनौती का सामना करना पड़ा था। कप्तान कोहली के सामने भी कोई अधिक वरिष्ठ या कठिन कैरेक्टर नहीं था। बीच में कोच अनिल कुंबले आए थे, तो उन्हें दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से हटना पड़ा। मैदान में द्रविड़ के लिए चुनौतियां बहुत सीधी-सीधी हैं। भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में पहले से अच्छा कर रही है, लेकिन लिमिटेड ओवर की क्रिकेट में टीम का हाल उतना अच्छा नहीं है। वह लगातार आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट मैचों में पराजित हो रही है और विश्व की सबसे बड़ी टी-20 लीग होने के बावजूद अभी टी-20 वश्वि कप के पहले राउंड से ही बाहर होने की कगार पर है। इस समय भारतीय क्रिकेट के पास प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, वास्तव में कहें तो उनके पास खिलाड़ियों की खदान है। द्रविड़ और नए कप्तान को इन प्रतिभाओं का उपयोग लिमिटेड ओवर क्रिकेट में बहुत बुद्धिमत्ता से करना होगा। जो भी भारतीय क्रिकेट की प्रतिभाओं को जानते हैं, वे सीमित ओवर क्रिकेट में भारत की हालिया विफलताओं पर आश्चर्य करते हैं।
राहुल द्रविड़ पर बतौर हेड कोच कई चुनौतियां, आईसीसी ट्रॉफी की उम्मीद बनेगी
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