नई दिल्ली !   केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के देशप्रेम पर उंगली नहीं उठाई जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ही अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है। राजनाथ ने यहां राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के 10वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से कहा, "हम अल्पसंख्यक समुदायों की देशप्रेम संबंधी भावना पर उंगली नहीं उठा सकते।"
उन्होंने कहा, "एक व्यक्ति अपने धर्म का पालन करते हुए भी देशसेवा कर सकता है।"
केंद्रीय गृहमंत्री ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की उस अपील के जवाब में यह कहा, जिसमें केंद्र सरकार से अल्पसंख्यकों सहित देश के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में कहा गया था।
राजनाथ ने कहा, "नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ही अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया कराने और कांग्रेस के शासनकाल में उपजी असुरक्षा की भावना को दूर करने में सक्षम है।"
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को घर वापसी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर सवाल किए थे। बोर्ड ने आरोप लगाया था कि मई 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद से हिंदू कट्टरपंथियों ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं, जिससे मुस्लिम विरोधी भावनाओं को बल मिला है।
उन्होंने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों को सुविधाएं देने और उनके कल्याण की विकास परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की राष्ट्र भक्ति पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता और किसी धर्म का अन्य धर्मो पर प्रभुत्व सिद्ध करने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने देश में धर्मातरण और धर्मातरण रोधी कानून की आवश्यकता का मुद्दा भी उठाया।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय होने के बावजूद भारत सरकार देश के लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। राजनाथ सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना बड़ी चुनौती है और सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनाथ सिंह ने लोगों से आग्रह किया कि वे बिना किसी भय के स्वतंत्र और खुले तौर पर अपने विचार व्यक्त करें। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया कि वे हाल में कुछ गिरजाघरों पर हुए हमलों की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई करे और दोषियों को सजा दें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह की घटनाएं देश में कहीं भी दोबारा न हों।
राजनाथ ने कहा कि भारत ऐसा एकमात्र राष्ट्र है जहां दुनिया के सभी प्रमुख धर्म के मानने वाले हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा भारतीय परंपरा एवं पौराणिक कथाओं के प्राचीन मूल्य के कारण है। यहां सभी धर्मो का अस्तित्व है जो एक दूसरे के प्रति पूरा सम्मान करते हैं। भारत एकमात्र राष्ट्र है जहां इस्लाम के 72 संप्रदाय है जो कि पूरी दुनिया के किसी भी देश में नहीं है।
उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे पुराने गिरिजाघरों में से एक गिरिजाघर केरल में है। गृहमंत्री ने अपने भाषण में 'क्या धर्मातरण आवश्यक है?' जैसे कई सवाल उठाए और कहा कि इन मुद्दों पर राष्ट्रीय बहस की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय दुनियाभर में धर्मातरण के विरुद्ध कानून की मांग करते हैं, फिर ऐसा भारत में क्यों नहीं हो सकता?