नई दिल्ली: राजस्थान में सूर्य नमस्कार को स्कूलों में अनिवार्य किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जयपुर में जारी बयान में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि वह इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ हैं और ज़रूरत पड़ी तो इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अदालत से दखल की अपील करेंगे।
अपने 24वें अधिवेशन में बोर्ड ने कहा है कि मुस्लिम सूर्य नमस्कार नहीं कर सकते और उन्हें इसके लिए मजबूर न किया जाए। उन्होंने स्कूल में गीता पढ़ाने पर भी एतराज़ जताया और कहा कि स्कूलों में किसी भी धर्म की किताबें पढ़ाना ग़लत है।
जयपुर में संपन्न हुई ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उनके जनरल सेक्रेटरी ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया और घर वापसी जैसे कार्यक्रमों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ख़ामोशी को लेकर उन्होंने कई सवाल उठाए।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी अब्दुल रहीम कुरैशी ने कहा, 'जब से मोदी जी आए हैं, हिंदुत्ववादी शक्तियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। घर वापसी जैसे कार्यक्रमों से वीएचपी मुस्लिम समुदाय के खिलाफ माहौल बना रही है।
इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि सरकार साध्वी पार्ची जैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती? प्रधानमंत्री इस मसले पर संसद में क्यों मौन हैं?
इसके अलावा राजस्थान सरकार की आलोचना करते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है कि सरकार सूर्य नमस्कार वाला आर्डर वापिस ले।
दरअसल राजस्थान सरकार ने फरवरी महीने में राजस्थान के 48 हज़ार स्कूलों में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य कर दिया था। इसी के चलते मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नाराज़ है। उसका कहना है कि सूर्य के सामने इबादत करने इस्लाम के खिलाफ है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मोदी सरकार पर प्रहार, \'घर वापसी\' को लेकर चुप्पी पर उठाए सवाल
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