मेलबर्न : बांग्लादेश को हराकर वर्ल्ड कप 2015 के सेमीफाइनल में पहुंच गई है टीम इंडिया. अगर आपने आधा-अधूरा मैच देखा तो आपको इस मैच की दोनों पारियों का आंखों-देखा हाल बताते हैं. पहले बात बांग्लादेशी पारी की.
मेलबर्न के मैदान पर सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना, वो भी वर्ल्डकप के क्वार्टर फाइनल में. बांग्लादेश के लिए परिस्थिति तो चिंताजनक थी ही, जल्द ही उसकी स्थिति भी चिंताजनक हो गई. बांग्लादेश के लिए अच्छी शुरुआत जरूरी थी. तमीम इकबाल और इमरूल कैस की अनुभवी जोड़ी पर बड़ा दारोमदार था, जिसे वो निभा नहीं पाए.
बांग्लादेश को लगा दोहरा झटका
6 ओवर तक दोनों ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी. करीब 5 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए दोनों ने सातवें ओवर तक 33 रन जोड़ लिए लेकिन इसी ओवर में और इसी स्कोर पर उमेश यादव की एक गेंद जमकर खेल रहे तमीम को गच्चा दे गई. गेंद तमीम के बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए धोनी के पास जा पहुंची, जिन्होंने अपने बाईं तरफ झुकते हुए एक शानदार कैच लिया और तमीम की 25 रन की पारी का अंत कर दिया. अगली ही गेंद बांग्लादेश को एक और झटका दे गई. नए बल्लेबाज़ सौम्य सरकार के साथ तालमेल ना बैठा पाने की सज़ा इमरूल कैस को मिली. रविंद्र जडेजा ने शानदार फील्डिंग का प्रदर्शन करते हुए इमरूल कैस से पहले नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े गेंदबाज उमेश यादव तक गेंद को पहुंचा दिया और उमेश ने उसे स्टंप तक. कैस को 5 रन बनाकर लौटना पड़ा और बांग्लादेश का स्कोर 33 रन पर 2 विकेट हो गया.
नहीं बनी बड़ी साझेदारी
सौम्य सरकार का साथ देने के लिए इन-फॉर्म महमूदुल्लाह क्रीज पर पहुंचे. दोनों ने संभलकर पारी को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया. लेकिन ये साझेदारी अभी 40 रन की ही हुई थी कि पारी के 17वें ओवर में महमूदुल्लाह मोहम्मद शमी की गेंद को पुल करने के चक्कर में लॉन्ग लेग पर शिखर धवन के हाथों कैच हो गए. शिखर ने बाउंड्री के करीब गेंद को लपककर वापस हवा में उछाला और खुद बाउंड्री से अंदर से वापस लौटकर एक बेहतरीन कैच लपका. इसी के साथ महमूदुल्लाह की 21 रन की पारी का अंत हो गया. अब बांग्लादेश की ज़रूरत एक बड़ी साझेदारी थी, लेकिन शाकिब अल हसन और सौम्य सरकार की जोड़ी ने 17 रन ही और जोड़े थे कि मोहम्मद शमी ने फिर बांग्लादेश को एक बड़ा झटका दे दिया. 29 रन बनाकर खेल रहे रहे सौम्य सरकार शमी की गेंद पर शॉट खेलने में जल्दबाज़ी कर गए और गेंद उनके बल्ले को चूमते हुए धोनी के पास पहुंच गई. धोनी ने अपने बाईं तरफ शानदार डाइव लगाते हुए एक हाथ से ये कैच पकड़ी. बोर्ड पर 100 रन भी नहीं लगे थे और बांग्लादेश के 4 बल्लेबाज़ पेवेलियन के अंदर थे.
भारतीय गेंदबाजों ने दिखाया दम
मौका देखकर टीम इंडिया ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया. 20-25 ओवर के बीच में भारत ने सिर्फ 9 रन खर्च किए और एक विकेट हासिल किया. इस दौरान शमी और अश्विन ने लगातार तो मेडन ओवर भी फेंके. 26वें ओवर में जाकर बांग्लादेश के 100 रन पूरे हुए. बांग्लादेश पर अब दबाव बढ़ता जा रहा था. और इसी दबाव में शाकिब अल हसन ने भी सरेंडर कर दिया. जडेजा की गेंद को शॉर्ट थर्डमैन की तरफ कट करने के लिए शाकिब के पास वक्त भी था, रूम भी था, लेकिन ठीक उसी जगह फील्डर भी था और मोहम्मद शमी ने ये आसान कैच लपकने में कोई गलती नहीं की. आउट होने से पहले शाकिब ने 34 गेंदें खेलकर 10 रन बनाए.
बांग्लादेश ने टेके घुटने
29वें ओवर तक बांग्लादेश की आधी टीम पेवेलियन लौट चुकी थी. ऐसे में विकेटकीपर बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम और शब्बीर रहमान ने मोर्चा संभाला. दोनों ने मिलकर तेज़ी से रन बनाने की कोशिश की. 35वें ओवर में बांग्लादेश ने बैटिंग पावरप्ले लिया, जिसकी पहली ही गेंद पर मुश्फीकुर्रहीम को वापस लौटना पड़ा. 27 रन बनाकर खेल रहे मुश्फीक को उमेश यादव की गेंद उड़ाने की कोशिश महंगी पड़ी. गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेते हुए धोनी के दस्तानों में समा गई. बांग्लादेश 139 पर 6 विकेट गंवा चुका था और रनरेट का दबाव आसमान छूने लगा था. अगले बल्लेबाज नासिर हुसैन थे, जिन्होंने शब्बीर रहमान के साथ मिलकर थोड़ी दिलेरी दिखाई. दोनों ने मिलकर 8 ओवर में 50 रन जोड़ डाले. आखिरकार रविंद्र जडेजा ने शॉर्ट कवर पर अश्विन के हाथों नासिर हुसैन को कैच कराकर इस जोड़ी को तोड़ा. हुसैन ने 34 गेंदों पर 35 रन बनाए. बांग्लादेश के 7 विकेट 189 पर गिर चुके थे. 4 रन बाद ही कप्तान मशरफे मुर्तजा भी एक रन बनाकर चलते बने. उन्हें मोहित शर्मा की गेंद पर धोनी ने कैच किया.
टीम इंडिया की शानदार जीत
बांग्लादेश की पारी का 45वां और उमेश यादव का नौवां ओवर बांग्लादेश के लिए इस मैच का आखिरी ओवर भी साबित हुआ. इस ओवर की चौथी गेंद पर पहले तो यादव ने रूबल हुसैन(0) को अश्विन के हाथों कैच कराया और फिर इसी ओवर की आखिरी गेंद पर शब्बीर रहमान की 30 रनों की पारी का अंत कर दिया. शब्बीर को लॉन्ग लेग पर मोहम्मद शमी ने कैच किया. बांग्लादेश की पूरी टीम 45 ओवर में 193 रन पर सिमट गई और भारत ने ये मैच 109 रन से अपने नाम कर लिया. ये वर्ल्डकप में भारत की लगातार 11वीं जीत है और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 100वीं वन-डे जीत. इस जीत के साथ भारत छठी बार वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में पहुंच गया है.
टीम इंडिया ने कुछ यूं दिखाया दम
वर्ल्डकप में भारत और बांग्लादेश के बीच ये तीसरी टक्कर थी. 2007 में बांग्लादेश से हारने का बदला टीम इंडिया 2011 में ले चुकी थी इसलिए ये मैच एक नई शुरुआत की तरह था. टॉस अहम था और दोनों ही कप्तान मेलबर्न की रनों से भरी हुई पिच पर पहले बल्लेबाज़ी की उम्मीद लगाए बैठे थे. कामयाबी धोनी को मिली. टीम में बिना किसी बदलाव के टीम इंडिया उतरी तो बांग्लादेश के कप्तान मशरफे मुर्तजा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने आखिरी लीग मैच में गैरहाजिर रहने के बाद क्वार्टरफाइनल के लिए वापसी की.
टीम इंडिया ने की सधी शुरुआत
इन-फॉर्म शिखर धवन और फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे रोहित शर्मा ने शुरूआत संभल कर की और मौका मिलते ही गेंदों को बाउंड्री पार भेजना का सिलसिला भी शुरू कर दिया. दोनों ने मिलकर 9.3 ओवर में भारत को 50 के पार पहुंचा दिया, लेकिन यहीं से बांग्लादेश ने अपनी कसी हुई गेंदबाजी से टीम इंडिया का इम्तिहान लेना शुरू कर दिया. अगले 5 ओवर में सिर्फ 19 रन बने, जिसमें रोहित शर्मा का एक छक्का भी शामिल था.
सस्ते में सिमटे शिखर-विराट
भारतीय पारी का 17वां ओवर उनके लिए पहला झटका लेकर आया. शाकिब अल हसन के पहले ही ओवर की तीसरी गेंद को पढ़ने में शिखर नाकाम हुए. शाकिब की ललचाती हुई गेंद को कवर्स की तरफ ड्राइव करने की कोशिश में वो क्रीज से काफी आगे निकल आए और विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम ने उन्हें स्टंप करने में कोई गलती नहीं की. शिखर ने 50 गेंदों पर धीमे 30 रन बनाए. भारत का विकेट गिरने से बांग्लादेश के हौसले और बुलंद हो गए. उनके खिलाफ शानदार रिकॉर्ड रखने वाले विराट कोहली भी अगले ही ओवर में निपट गए. रूबल हुसैन की फुल लेंथ डिलिवरी को ड्राइव करने की कोशिश विराट को महंगी पड़ गई, गेंद ने उनके बल्ले का बाहरी किनारा लिया और विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम ने अपने दाहिने तरफ एक शानदार लो-कैच लेकर उनकी सिर्फ 3 रन की पारी का अंत कर दिया.
बांग्लादेश ने कसा शिकंजा
रन बनने की गति बेहद कम थी. 15 से 20 ओवर के बीच बांग्लादेशी गेंदबाजों ने सिर्फ 14 रन दिए. रोहित शर्मा धीमी गति से अपनी पारी को आगे बढ़ा रहे थे और उनका साथ देने के लिए अजिंक्य रहाणे क्रीज पर थे. पारी के आधे ओवर बीच जाने के बाद भी टीम इंडिया का 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई थी. 26वें ओवर में भारत ने 100 का आंकड़ा पार किया और 27वें ओवर में रोहित ने 70 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा कर लिया. 28वां ओवर फिर भारत के लिए मुसीबत लेकर आया. 19 रन बनाकर खेल रहे अजिंक्य रहाणे ने तस्कीन अहमद की गेंद को एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से उठाकर मारने की कोशिश की लेकिन इस शॉट को वो मिसटाइम कर गए और शाकिब अल हसन ने एक शानदार कैच लपककर उनकी पारी का अंत कर दिया.
टीम इंडिया की वापसी
115 रन पर भारत अपने 3 विकेट खो चुका था और जरूरत अब एक बड़ी साझेदारी की थी. सुरेश रैना क्रीज पर आए और जमकर खेल रहे रोहित का साथ निभाना शुरू कर दिया. 34वें ओवर में भारत ने 150 का आंकड़ा पार किया. इसी ओवर में मशरफे मुर्तजा ने रैना के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की एक बेहद क्लोज अपील की जिसे फील्ड अंपायर ने नकार दिया और मुतर्जा ने इसके खिलाफ रिव्यू लिया. हालांकि थर्ड अंपायर ने भी रैना को नॉटआउट करार दिया लेकिन मुर्तजा इस फैसले से काफी नाराज दिखे. 36वें ओवर में भारत ने बैटिंग पावरप्ले लिया और यहीं से रनगति में थोड़ी तेज़ी आई. पावरप्ले के पहले तीन ओवर में भारत ने करीब 10 की औसत से रन बनाए. 39वां ओवर शुरू हुआ तो बरसात ने कुछ पल के लिए खेल को थाम लिया, लेकिन जैसे ही बरसात रूकी टीम इंडिया ने एक बार फिर से प्रहार शुरू कर दिया. किस्मत टीम इंडिया का साथ दे रही था, रोहित शर्मा 90 पर थे तो रूबल हसन की गेंद पर मिडविकेट पर कैच आउट हो गए लेकिन गेंद कमर से ऊपर आने की वजह से अंपायर ने इसे नो बॉल करार दिया. 35 से 40 ओवर के बीच के इस बैटिंग पावर प्ले में भारत ने पूरे 50 रन बनाए. इस दौरान भारतीय पारी के 200 रन भी पूरे हो गए.
रोहित की सेंचुरी, रैना की हाफ सेंचुरी
रोहित धीरे-धीरे शतक की तरफ बढ़ रहे थे और रैना ने 41वें ओवर में 46 गेंदों पर अपनी हाफ सेंचुरी पूरी कर ली. 42वां ओवर रोहित के लिए खास रहा, मशरफे मुर्तजा के ओवर की आखिरी गेंद पर 2 रन लेकर रोहित ने अपने करियर का सातवां शतक ठोक दिया. 10 चौकों और 1 छक्के की मदद से इस शतक को बनाने के लिए रोहित ने 108 गेंदें खेलीं. हालांकि रैना की पारी 65 से आगे नहीं बढ़ पाई. पारी के 44वें ओवर में मशरफे मुतर्जा की गेंद को उठाकर मारने की कोशिश में वो विकेटकीपर रहीम को कैच थमा बैठे. 57 गेंदों की अपनी पारी के दौरान रैना ने 7 चौके और 1 छक्का जमाया. आउट होने से पहले वो टीम इंडिया को वापस मैच में ले आए.
मिशन 300 पर टीम इंडिया
टीम इंडिया की नजर अब 300 पर थी. रोहित के साथ देने के लिए कप्तान धोनी क्रीज पर थे. दोनों ने खुलकर खेलना शुरू कर दिया. रोहित ने अचानक बांग्लादेशी गेंदबाज़ों पर हमला बोल दिया, लेकिन 47वें ओवर में तस्कीन अहमद ने रोहित को बोल्ड कर उनकी शानदार पारी का अंत कर दिया. रोहित ने 126 गेंदों पर 137 रन बनाए. इस पारी में उन्होंने 14 चौके और 3 छक्के जमाए. नए बल्लेबाज़ रविंद्र जडेजा ने आते ही हाथ खोल दिए, लेकिन धोनी को बांग्लादेशी गेंदबाज़ों ने खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया. और जब उन्होंने कोशिश की तो तस्कीन अहमद ने उन्हें 6 रन पर कवर प्वाइंट पर खड़े नासिर हुसैन के हाथों कैच करा दिया. 10 गेंदों पर 4 चौकों की मदद से जडेजा ने 23 रन बनाए और भारत को 300 का आंकड़ा पार करा दिया. भारत ने अपने 50 ओवरों में 6 विकेट खोकर 302 रन बनाए और बांग्लादेश को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए 303 रन बनाने की चुनौती दी. मेलबर्न के मैदान पर अबतक का सबसे बड़ा चेज़ ऑस्ट्रेलिया के नाम है जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2011 में 297 रन का लक्ष्य हासिल कर उस मैच को अपने नाम किया था.
बांग्लादेश को पीट टीम इंडिया सेमीफाइनल में, रोहित मैन ऑफ द मैच
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