रामपुर : जिला अदालत ने वर्ष 2009 लोकसभा चुनावों से पहले निषेधाज्ञा आदेश का उल्लंघन करने पर एक साल की सजा पाने वाले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की दोषसिद्धि पर रोक लगाई और उन्हें जमानत दे दी. जिला न्यायाधीश पीके गोयल ने संसदीय कार्य राज्यमंत्री को कल राहत दी. नकवी के वकीलों ने अदालत से कहा कि पुलिस कार्रवाई ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ थी और नकवी के खिलाफ आरोपों के पक्ष में कोई सबूत नहीं है.

वकीलों ने कहा कि पुलिस द्वारा जिस दिन की बात की गयी है उस दिन कोई हिंसा नहीं हुई थी क्योंकि भाजपा कार्यकर्ताओं ने राजनीतिक कार्यकर्ताओं के कथित उत्पीड़न के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था. एक स्थानीय अदालत ने रामपुर पुलिस द्वारा 24 अप्रैल 2009 को अदालत में दायर एक मामले के संबंध में 14 जनवरी को केंद्रीय मंत्री और 19 अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया था और नकवी को एक साल की सजा दी थी. 
 
पुलिस का आरोप था कि रामपुर सीट से लोकसभा चुनावों के प्रत्याशी नकवी ने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए पटवाई पुलिस थाने के सामने प्रदर्शन किया था. शिकायत में यह भी कहा गया कि भाजपा के जब्त किये गये वाहनों को वापस लेने तथा पार्टी के जिला अध्यक्ष ख्याली राम लोधी को जबरन रिहा कराने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ पुलिस थाने में घुसी.
 
अदालत ने नकवी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 341 (गलत तरीके से रोकने) और 342(गलत तरीके से बंधक बनाने) और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 तथा आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा सात के तहत दोषी ठहराया गया था. नकवी को अंतरिम जमानत दी गयी थी.