लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने सरकारी ठेका लेने के आरोप में दोषी पाए गए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक उमाशंकर सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बजरंग बहादुर सिंह की सदस्यता रद्द करने के आदेश दिए हैं। भारत निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने उमाशंकर को उनके विधायक निर्वाचित होने की तिथि छह मार्च 2012 से और बजरंग को ठेका लेने की तिथि 15 अक्टूबर 2012 से विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया है। नाइक ने अपने आदेश की प्रति भारत निर्वाचन आयोग, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेज दिया। उन्होंने मुख्य सचिव को सदस्यता समाप्ति के आदेश को राजकीय गजट में अविलम्ब प्रकाशित कराए जाने के भी निर्देश दिए।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन.के. मेहरोत्रा ने सरकारी ठेका लेने के आरोप में रस़डा विधानसभा सीट से विधायक उमाशंकर तथा फरेन्दा के विधायक बजरंग को दोषी पाते हुए मुख्यमंत्री को अपनी जांच रिपोर्ट पेश की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने आगे राज्यपाल को भेज दिया था। राज्यपाल ने इस मामले पर निर्वाचन आयोग की राय मांगी थी। निर्वाचन आयोग की राय तीन जनवरी 2015 को मिलने के बाद दोनों विधायकों ने राज्यपाल के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए समय की मांग की थी, जिसे स्वीकारते हुए राज्यपाल ने दोनों विधायकों से 16 जनवरी 2015 को अलग-अलग मुलाकात कर उनका पक्ष सुना था। उमाशंकर वर्ष 2009 से सरकार से ठेका लेकर स़डक निर्माण का कार्य करते आ रहे थे, जबकि बजरंग बहादुर को विधायक निर्वाचित होने के बाद 15 अक्टूबर, 2012 को स़डक निर्माण का ठेका मिला था।
2 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के आदेश
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