नयी दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अपने भारत दौरे के अंतिम दिन आज राजधानी के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में युवाओं व छात्रों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने नमस्ते कह कर भारतीयों का अभिवादन किया और अपने शानदार स्वागत के लिए धन्यवाद व्यक्त किया. उनके साथ उनकी पत्नी मिशेल ओबामा भी ऑडिटोरियम में मौजूद थीं.

ओबामा का यह भाषण इस मायने में यादगार रहेगा कि वे संभवत: पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिनका संबोधन पूरी तरह भारतीय संदर्भो से भरा हुआ था. उन्होंने अपने संबोधन में आधा दर्जन से अधिक भारतीय शख्सियत का उल्लेख किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका एक-दूसरे के सबसे अच्छे सहयोगी हो सकते हैं. उन्होंने आज एक बार फिर कहा कि भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का अमेरिका समर्थन करेगा. अपने पिछले भारत दौरे में भी उन्होंने यह बात कही थी.


ओबामा ने अपने संबोधन में दो महान भारतीयों महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि एक सदी पूर्व स्वामी विवेकानंद अमेरिका में योग और हिंदुत्व का संदेश लेकर आये थे और अपना संबोधन दिया था. उस समय उन्होंने वहां मेरे भाइयों और बहनों कहकर लोगों को संबोधित किया था, उसी तर्ज पर आज मैं भारतीय को मेरे भाइयों और बहनों कह कर संबोधित कर रहा हूं. उन्होंने न्याय के लिए महात्मा गांधी के संघर्ष के तरीकों को याद किया. 

बराक ओबामा ने कहा कि अमेरिका में 30 लाख भारतीयों का होना गर्व की बात है. उन्होंने दोनों देशों में इस सदी में आपसी सहयोग, विश्वास और व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अमेरिका भारत का बेस्ट पार्टनर हो सकता है. उन्होंने अपने संबोधन में महिलाओं और बच्चों के हक की भी बात की. उन्होंने कहा कि भारत को बेहतर बनाने के लिए अमेरिका पूरा सहयोग देगा. उन्होंने कहा कि हर बच्चे को साफ पानी मिलना चाहिए. साथ ही स्मार्ट सिटी बनाने में भी सहयोग का वादा किया. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आतंकवाद के मुद्दे पर भी परस्पर सहयोग की बात कही.

 बराक ओबामा ने कहा कि आतंकवाद और गरीबी के लिए हमें साथ मिल कर काम करना है. उन्होंने कहा कि हमें सोलर व पवन ऊर्जा के लिए मिल कर साथ काम करना है. उन्होंने भारत और अमेरिका की उन समानाताओं का उल्लेख किया, जिसके कारण दोनों देशों में बेहद मामूली पृष्ठभूमि का व्यक्ति सत्ता के शीर्ष पर पहुंच जाता है. उन्होंने कहा कि हम ऐसे देश हैं, जहां कुक का पोता देश का राष्ट्रपति बन जाता है और एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन जाता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि समाज में महिलाओं का विशिष्ट स्थान होने पर ही तरक्की निर्भर करता है. उन्होंने ऐसा समाज बनाने की बात कही, जहां लिंग, जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होता है और एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन जाता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि समाज में महिलाओं का विशिष्ट स्थान होने पर ही तरक्की निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि धर्म की आड़ लेकर भी महिलाओं के साथ भेदभाव होता है. उन्होंने भारतीय सेना में महिलाओं की भागीदारी पर खुशी प्रकट की. उन्होंने कहा कि उनका विवाद ऐसी महिला से हुआ है, जो प्रतिभाशाली और मजबूत हैं. उन्होंने कहा कि उनके आसपास तीन ताकतवर महिलाओं हैं, ये उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं.

उन्होंने अपने संबोधन में मिल्खा सिंह, मेरी कॉम और शाहरुख खान का जिक्र किया. उन्होंने अपने संबोधन में धार्मिक सहिष्णुता का जिक्र करते हुए कहा कि देश में अलग-अलग धर्म को लोग गुलदस्ते के फूल की तरह हैं. उन्होंने कहा कि भारत अगर बटा रहेगा तो यह तरक्की नहीं कर सकता है.उन्होंने शाहरुख खान की फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे का वह मशहूर डॉयलॉग भी बोला - सेनोरिटा बड़े-बड़े देशों में छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं.

उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है, जहां 30 से 35 साल के ज्यादातर लोग हैं. उन्होंने कहा कि इनके जिम्मे इस देश का विकास है. उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा कि अमेरिका आने वाले छात्रों की संख्या के मुकाबले भारत आने वाले अमेरिकी छात्रों की संख्या बढ़े. उन्होंने कहा कि मैंने ऐसे समय को देखा है, जब रंग के आधार पर लोगों से भेदभाव होता था. उन्होंने अपने संबोधन में कैलाश सत्यार्थी का भी उल्लेख किया और 16 साल के विशाल नाम के उस लड़के की भी चर्चा की जिससे वे 2010 के भारत दौरे के दौरान भी मिले थे और आज भी मिले. उन्होंने धन्यवाद और जयहिंद कह कर अपना संबोधन का समापन किया. 

बराक ओबामा अपने संबोधन के बाद आम लोगों से घिर गये और लोगों ने उनकी तसवीर अपने मोबाइल में उतारी और उनसे मिले. भाषण के समापन पर आमिर खान की फिल्म लगान का एक गाना भी ऑडिटोरियम में बजाया गया. 

इससे कुछ देर पहले उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी से मुलाकात की. वे कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ के तीन बच्चों से मिले. इसके अलावा वे एक और लड़के से मिले, जिससे वे 2010 के अपने भारत दौरे के दौरान हुंमायू के मकबरे पर मिले थे. 

ओबामा पायल नाम की एक लड़की से मिले, जो किसी समय बाल मजदूरी करती थी और अब अपने गांव की  बाल  सरपंच बन गयी हैं. इसके अलावा वे 12 साल के लड़के अयूब खान और आठ साल के बच्चे दीपक से मिले. ये बच्चे पहले बाल श्रम करते थे और इन्हें कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ ने मुक्त करा कर एक बेहतर जिंदगी दी. 

ओबामा 16 वर्षीय विशाल नाम के उस लड़के से भी मिले, जिससे 2010 में उनकी भेंट हुंमायू के मकबरे पर हुई थी. ओबामा अक्सर अपने दौरों पर इस तरह के बच्चों से मिलना पसंद करते हैं.