मुम्बई । भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली ने माना है कि खिलाड़ियों ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज का पांचवां मैच खेलने से इंकार कर दिया था। गांगुली ने कहा है कि खिलाड़ी कोरोना संक्रमण की आशंका से डरे हुए थे। इस कारण यह मैच रद्द करना पड़ा था। इस सीरीज में भारतीय टीम 2-1 से आगे थी और उसके पास जीतने का अच्छा अवसर था। इस टेस्ट को कब आयोजित किया जाए इसपर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है। गांगुली ने कहा कि भले ही भारतीय खिलाड़ियों ने टेस्ट खेलने से मना कर दिया हो पर इसके लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है। कोरोना संक्रमित पाये गये टीम फिजियो योगेश परमार खिलाड़ियों के बेहद करीब थे। वे लगातार उनके साथ काम कर रहे थे। जब खिलाड़ियों को पता चला कि वे कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं, तो वे बेहद परेशान हो गए थे। किसी के लिए भी बायो बबल में रहना आसान नहीं है। ऐसे में सभी को उनकी भावनाओं का भी सम्मान करना होगा। बचे टेस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि यह मौजूदा सीरीज का हिस्सा नहीं हो सकती। इसे अगले साल आयोजित किया जा सकता हालांकि इससे इंग्लैंड बोर्ड को नुकसान उठाना पड़ेगा। 
इससे पहले कहा जा रहा था कि भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री के एक बुक लॉन्च कार्यक्रम में भाग लेने के कारण संक्रमण हुआ। इसपर बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा कि कार्यक्रम को लेकर किसी तरह की अनुमति नहीं मांगी गई थी। शास्त्री पर किसी तरह की संभावित कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा, ‘कोई कार्रवाई नहीं होगी। आप लोगों को कब तक होटल के कमरों तक सीमित रख सकते हैं। यह मानवीय रूप से संभव नहीं है। मैं भी वहां शूटिंग के लिए गया था। लगभग 100  लोग थे। सभी को टीका लगा हुआ था पर आप नहीं जानते हैं कि क्या हो सकता है। टीकाकरण के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। 
आईपीएल के लिए टेस्ट रद्द करने के आरोपों को खारिज करते हुए गांगुली ने कहा कि बीसीसीआई गैर-जिम्मेदार बोर्ड नहीं है। हम दूसरे बोर्ड का भी सम्मान करते हैं। वहीं पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को टी20 विश्व कप के लिए मेंटॉर बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ टीम की मदद करने के लिए किया गया है। धोनी केवल टी20 विश्व कप तक ही टीम के साथ रहेंगे।