पटना: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार पर प्रधानमंत्री बनने की व्यक्तिगत महात्वकांक्षा और अहंकार में भाजपा-जदयू गठबंधन तोडने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली चुनाव के बाद भाजपा का ‘विजय रथ’ बिहार आएगा तथा वह  दीवार पर लिखी इबारत को पढ लें कि आने वाले दिनों में यहां भाजपा की सरकार बनने जा रही है।

यहां वेटनरी कॉलेज मैदान में भाजपा की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए शाह ने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘समाजवादी मूल के बिहार के नेताओं से वह कहना चाहते हैं कि कर्पूरी ठाकुर तो अंतिम दम तक कांग्रेस के खिलाफ संघर्ष करते रहे पर आपने उनसे सीख लेने के बजाय सत्ता प्राप्त करने के लिए कांग्रेस के साथ समझौता करने का काम किया। आपको कर्पूरी जी को याद करके उनके सिद्धांतों की बात करने का कोई हक नहीं है।’ शाह ने कहा कि कहा कि समाज के पिछडे वर्ग को न्याय दिलाने और उनके उत्थान के लिए समर्पित रहे जननायक कर्पूरी ठाकुर को उस समय भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में जनसंघ और भाजपा की अहम भूमिका थी।

उन्होंने कहा कि कर्पूरी जी के सपनों को साकार करने का काम भाजपा ने किया है और आज पिछड़े समाज से आने वाले नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन होकर भारत का नेतृत्व कर रहे हैं। शाह ने कहा कि बिहार में जदयू और भाजपा का 17 सालों से गठबंधन चल रहा था जिसे नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने के अपनी व्यक्तिगत महात्वकांक्षा के कारण तोड दिया।

शाह ने कहा कि बिहार में गठबंधन टूटने के बाद कई तरह की अटकलों के बावजूद प्रदेश की जनता ने पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व में विश्वास करके राज्य की कुल 40 लोकसभा सीटों में से 31 सीटें देकर पूर्ण बहुमत की भाजपा की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और वह इसके लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता के आशीर्वाद के कारण ही आज केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार देश को आगे ले जाने का काम कर रही है।

शाह ने कहा कि जिस प्रकार मोदी ने पिछले आठ महीनों में केंद्र में सरकार चलायी है उससे भाजपा की लोकप्रियता और बढी है तथा देश के चार राज्यों महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में से तीन में भाजपा सरकार बनाने में सफल रही तथा अब दिल्ली विधानसभा का चुनाव है जिसके बाद भाजपा का विजय रथ बिहार आएगा और यहां की जनता भाजपा को 185 सीटें दिला कर उसकी सरकार बनावायेगी।

उन्होंने कहा, ‘हमारी ताकत होते हुए भी हम नीतीश को बडा भाई मानकर चले थे क्योंकि हमने लालू और कांग्रेस को परास्त करने के लिए अपनी पार्टी से किसी को नहीं बल्कि उन्हें मुख्यमंत्री पद पर आसीन किया था।’ शाह ने कहा कि अहंकार में नीतीश को भाजपा की ताकत का अंदाजा नहीं लग पाया और उन्होंने बिहार की जनता के जनादेश को तोडा और ऐसा करके प्रदेश की जनता की पीठ में छुरा घोंपा।

उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस और लालू का विरोध करते हुए आज उसके साथ मिलकर नीतीश मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन वह दीवार पर लिखी इबारत को पढ लें कि आने वाले दिनों यहां भाजपा की सरकार बनने जा रही है।

शाह ने कहा कि बिहार को ‘जंगल राज’ (राजद शासन) से मुक्ति दिलाने और विकास के मार्ग पर ले जाने का श्रेय नीतीश कुमार को नहीं जाता क्योंकि साढे सात साल तक राज्य सरकार को नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी ने साथ मिलकर चलाया था तथा ‘जंगल राज’ को समाप्त कर प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया एवं प्रदेश का विकास किया। उन्होंने भाजपा से नाता तोड लेने के बाद जदयू सरकार के कार्यकाल के दौरान कानून-व्यवस्था की बदतर स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि बोधगया और नरेंद्र मोदी की रैली में सिलसिलेवार बम धमाके, रावण वध के बाद पटना में मची भगदड का जिक्र किया।

शाह ने कहा, ‘राजद का विरोध करने वाले नीतीश आज लालू प्रसाद के साथ होकर फिर से मुख्यमंत्री बनने के प्रयास में लगे हैं लेकिन भाजपा इस प्रदेश में फिर से ‘जंगल राज’ और विकास को थमता हुआ नहीं देख सकती। इसलिए प्रदेश की जनता उनके दल को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार चलाने का अवसर प्रदान करें और हम इस प्रदेश को देश का एक नंबर राज्य बनाकर छोडेंगे।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के पिछडेपन को देखते हुए उसके उत्थान के लिए प्रत्यनशील हैं और यहां भाजपा की सरकार बनने पर मोदी के आर्शीवाद से यह प्रदेश विकास की दौड में खुद-ब-खुद आगे बढता जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह, धर्मेन्द्र प्रधान, राजीव प्रताप रुढी, रामकृपाल यादव और गिरिराज सिंह, सहित भाजपा के कई अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।