बिहार पंचायत चुनाव में शराब पीने-पिलाने का खेल खूब चलता है। अपने पक्ष में वोट दिलवाने के लिए कैंडिडेट या उनके करीबी वोटिंग से पहले इलाके के लोगों को पार्टी देते हैं। इस तरह की चीजें हर चुनाव में देखने को मिलती हैं। बिहार में 11 अलग-अलग फेज में पंचायत चुनाव होना है। प्रशासनिक और पुलिस के स्तर पर इसके लिए तैयारियां भी चल रही है। राज्य में पूर्ण शराबबंदी भी है। मगर, राजधानी से लेकर राज्य के बॉर्डर वाले इलाके तक शराब को लेकर क्या हाल है? यह किसी से छिपा नहीं है।
इस तरह से ऑपरेट होगा ज्वाइंट ऑपरेशन
ज्वाइंट ऑपरेशन कारगर और प्रभावी हो, इसके लिए एक खाका तैयार किया गया है। पुलिस मुख्यालय से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक ज्वाइंट ऑपरेशन पंचायत चुनाव के अलग-अलग फेजों के तरह ही चरणवार तरीके से चलेगा। मतलब, साफ है कि हर फेज में उन इलाकों में दबिश, ऑपरेशन, शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी होगी, जिन जिलों और वहां के इलाकों में पंचायत चुनाव होगी। चरणवार तरीके से ही चुनाव वाले इलाकों में टीम भेजी जाएगी।
इसके लिए जिला पुलिस को खासकर के लिए अलर्ट मोड में रहने का निर्देश उत्पाद विभाग के साथ-साथ मद्य-निषेद्य प्रभाग की तरफ से दिया गया है। हाल में ही इसके लिए सभी रेंज के IG/DIG और जिलों के SSP/SP के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई है। शराब माफियाओं के खिलाफ सभी को स्पेशल ड्राइव चलाने का निर्देश दिया गया है।
मद्य-निषेद्य को मिले 3 नए डीएसपी, अब और मजबूती से होगा काम
बिहार पुलिस के मद्य निषेद्य प्रभाग के पास 8 डीएसपी पहले से थे। इनमें एक इंवेस्टिगेशन और एक प्रशासनिक कामों को देख रहे हैं। जबकि, कुल 6 डीएसपी फिल्ड में छापेमारी और गिरफ्तारी के काम को देख रहे हैं। गुरुवार को सरकार के आदेश पर 3 नए डीएसपी का ट्रांसफर मद्य-निषेद्य प्रभाग में किया गया है। इस वजह से फिल्ड में अब मद्य-निषेद्य प्रभाग के कुल 9 डीएसपी मूव करेंगे। अब इनके जिम्मे इस प्रभाग के सभी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) होगी। कुल 12 SOG इस प्रभाग में एक्टिव है। इस साल के मार्च में 11वां और अभी 12वां नया SOG बनाया गया है। हर SOG में एक इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर मिलाकर 4-5 लोगों की टीम होती है।