भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का आखिरी मैच कोरोना की वजह से रद्द हो गया। पिछले साल सितंबर में BCCI ने कोरोना के बीच UAE में IPL का सफल आयोजन किया था। इससे दुनिया के अन्य देशों को यह संदेश मिला कि बेहतर मैनेजमेंट और बायो-बबल तैयार कर कोरोना के बीच क्रिकेट हो सकता है।

इसके बाद तीन बार बायो-बबल ब्रेक हो चुका है। आखिर हर बार ऐसा क्या हो रहा है? UAE में किन-किन प्रोटोकॉल का पालन किया गया और उसके बाद कहां लापरवाही हुई? आइए समझते हैं...

UAE में 2020 IPL के सफल होने की वजह
BCCI ने बायो-बबल तैयार करने का जिम्मा UK की कंपनी को दिया था। कंपनी ने रिस्ट वॉच का सहारा लिया था। हर खिलाड़ी को होटल रूम से निकलने के दौरान रिस्ट वॉच पहननी पड़ती थी। इस वॉच के जरिए खिलाड़ी की निगरानी रखी जाती थी। अगर वह बायो-बबल के बाहर जाता था, तो इसके संकेत कंट्रोल रूम को मिल जाते थे। साथ ही इससे यह भी पता चलता था कि उसके संपर्क में कौन-कौन आए हैं। खिलाड़ियों को रोजाना हेल्थ अपडेट देना होता था

IPL-14 को कोरोना की वजह से बीच में रोकना पड़ा
इस साल मार्च-अप्रैल में खेले गए IPL के 14वें सीजन को 29 मैचों के बाद खिलाड़ियों और कोच के कोरोना संक्रमित होने के बाद बीच में दिया गया। IPL के दौरान 4 खिलाड़ी और दो कोच संक्रमित हो गए थे। सबसे पहले KKR के दो खिलाड़ियों वरुण चक्रवर्ती और संदीप वॉरियर और चेन्नई सुपर किंग्स के बॉलिंग कोच एल बालाजी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उसके बाद सनराइजर्स हैदराबाद के ऋद्धिमान साहा और दिल्ली कैपिटल्स के अमित मिश्रा भी संक्रमित हो गए। जिसके बाद IPL को स्थगित करना पड़ा।

कोरोना ऑफिसर प्रोटोकॉल का पालन नहीं करा पाए
भारत में हुए IPL में बायो-बबल के फेल होने की वजहों में एक वजह कोरोना ऑफिसर की कार्यप्रणाली भी रही। UAE में पहली बार बायो-बबल में हुए IPL के दौरान हर टीम के साथ 1 कोरोना ऑफिसर नियुक्त किया गया था, लेकिन भारत में हुए IPL के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के लिए चार-चार कोरोना ऑफिसर नियुक्त किए गए थे

श्रीलंका दौरे में मेडिकल ऑफिसर की लापरवाही से ब्रेक हुआ बायो-बबल
इसी साल जुलाई में शिखर धवन की कप्तानी में श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम के खिलाड़ी क्रुणाल पंड्या कोरोना संक्रमित हो गए थे। सात खिलाड़ी आइसालेशन में चले गए थे।