पटना : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को बिहार और झारखंड से नक्सलियों के सफाये के लिए कड़ी-से-कड़ी कार्रवाई करने को कहा. साथ ही भरोसा दिया कि इसके लिए जितनी मदद चाहिए, केंद्र देने को तैयार है.
उन्होंने कहा कि नक्सलग्रस्त जिलों में ‘यंग एंड एनज्रेटिक’ अधिकारियों, खासकर डीएम और एसपी को तैनात करें. वह शुक्रवार को यहां मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद सभागार में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे. बैठक में बिहार व झारखंड के सीएम ने अपनी-अपनी मांगों को रखा, जबकि पश्चिम बंगाल व ओड़िशा के सीएम की जगह उनके मंत्रियों ने भाग लिया.
बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा किनक्सलियों को समाप्त करने के लिए बिहार व झारखंड समेत अन्य राज्यों को जितना केंद्रीय बल चाहिए, केंद्र देने को तैयार है.
केंद्रीय बलों की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी. बस इसके खिलाफ बिहार पूरी मुस्तैदी के साथ सख्त कार्रवाई करे. बैठक में बिहार,झारखंड, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल ने अपने-अपने मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठाया. करीब तीन घंटे चली बैठक में तमाम मुद्दों को सुनने के बाद राजनाथ सिंह ने तमाम मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया.
हालांकि, उन्होंने किसी राज्य की मांग पर कुछ नहीं कहा. चाहे वह बिहार के विशेष राज्य का दर्जा, पेंशन समेत अन्य बकाया के भुगतान की मांग हो या अन्य तीनों राज्यों की एनएच को सुधारने समेत अन्य मांगें हों. बैठक में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक साल में दो बार करने का प्रस्ताव पेश हुआ, जिस पर सभी राज्यों ने सहमति प्रदान की. इस वर्ष के अंत में रांची में परिषद की अगली बैठक होगी.
केंद्र-राज्य की हिस्सेदारी बराबर करने पर विचार: बैठक में चार राज्यों ने एक बात को प्रमुखता से उठाया कि राज्य और केंद्र के बीच कुछ योजनाओं में आवंटन को लेकर जो हिस्सेदारी है, उसे बराबर कर दिया जाये. इस मामले पर राजनाथ सिंह ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए विचार करने का आश्वासन दिया. बिहार में पुलिस आधुनिकीकरण के लिए जितने रुपये खर्च होते हैं.
उसमें राज्य का अंश 75 फीसदी और केंद्र की हिस्सेदारी 25 फीसदी होती है. इसे 50-50 प्रतिशत करने की मांग रखी गयी. पुलिस आधुनिकीकरण में राज्य का शेयर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा. इसके अलावा कुछ अन्य योजनाओं में भी राज्य और केंद्र की हिस्सेदारी बराबर करने की मांग उठी ताकि बिहार का समुचित विकास हो सके.