इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को प्रस्तावित हिंदू विवाह पंजीकरण विधेयक के मसौदे को अंतिम रुप देने को लेकर सरकार के लिए दो सप्ताह की मियाद तय की है. यहां की सबसे बडी अदालत ने विधेयक में देरी को लेकर कल नाराजगी जताई और आदेश दिया कि इसे कैबिनेट की मंजूरी मिलनी चाहिए और फिर इसे संसद में पेश किया जाना चाहिए.

‘पाकिस्तान हिंदू काउंसिल’ के प्रमुख रमेश कुमार वंकवानी की ओर से प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति नसीरुल मुल्क की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ का ध्यान खींचा गया तब सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया। वंकवानी ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दखल की गुहार लगाई थी.

यह पीठ अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर अदालत की ओर से जारी दिशानिर्देश के कार्यान्वयन के संदर्भ में मामले की सुनवाई कर रही थी. समाचार पत्र ‘डॉन’ के मुताबिक कानून के अभाव के कारण हिंदू दंपति विवाह के पंजीकरण में खासी दिक्कत का सामना करते हैं. इस मुद्दे का सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक से अधिक बार उल्लेख हो चुका है.