चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने अंतर राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में पदक लाने वाले खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरष्कार राशि में भरी बढ़ोतरी का ऐलान किया है।

स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन की वर्षगांठ के मौके पर रोहतक में आयोजित एक समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश की नई खेल नीति की घोषणा की। मुख्यमंत्री की तरफ से खिलाड़ियों को पेंशन और नौकरी का अधिकार देने की भी बात कही गई।
 
नई खेल नीति के तहत, ओलंपिक्स और परालिम्पिक्स खेलों में स्वर्ण पदक लाने वाले खिलाड़ियों को छह करोड़ रुपये की नकद पुरस्कार राशि दी जाएगी, पहले उन्हें पुरस्कार स्वरूप पांच करोड़ रुपये दिए जाते थे। इसी तरह, रजत पदक लाने वाले को एक करोड़ रुपये ज़्यादा मिलेंगे, जबकि कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ी को 50 लाख रुपये ज्यादा दिए जाएंगे।
 
वहीं एशियाड और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि को भी बढ़ा दिया गया है। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को अब दो की जगह तीन करोड़ रुपये मिलेंगे जबकि राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर 50 लाख रुपये ज्यादा मिलेंगे। ये नकद पुरस्कार राशि सिर्फ हरियाणा का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडियों को मिलेगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों के लिए पेंशन का भी ऐलान किया। उन्होंने बताया कि अर्जुन, ध्यानचंद और राजीव गांधी खेल रत्न जैसे पुरस्कारों से सम्मानित होने वाले खिलाड़ियों को हरियाणा सरकार पेंशन देगी। यह सहायता केंद्र सरकार कि तरफ से मिलने वाली राशि के अतिरिक्त होगी।
 
वहीं, राज्य के खेलमंत्री अनिल विज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर कि खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकार नौकरी का अधिकार देगी। इस संबंध में सरकार कि मौजूदा नीति को और पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाया जाएगा, ताकि किसी को शिकायत का मौका न मिले। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में खिलाड़ियों को नौकरी देने में भेद-भाव कि शिकायत मिलने के बाद नीति में प्रभावी फेरबदल किए गए हैं।
 
प्रदेश की नई खेल नीति के तहत, खिलाड़ियों के कोच को भी सम्मानित करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, खिलाड़ी के स्टेडियम को भी उसे मिलने वाली राशि का 10 फ़ीसदी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए दिए जाएंगे।