रायपुर | छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सेहत से संबंधित आंकड़ों के संकलन के लिए तैयार की गई कम्प्यूटर टेबलेट आधारित स्वास्थ्य रिपोर्टिग प्रणाली की प्रशंसा की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की इस प्रणाली को मॉडल के रूप में पूरे देश में लागू किया जाएगा.

नड्डा ने यहां शनिवार को इस प्रणाली का शुभारंभ किया. उन्होंने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में प्रथम चरण में इस प्रणाली पर अमल के लिए महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कम्प्यूटर टेबलेट वितरित किए. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अमर अग्रवाल ने की.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने शुभारंभ समारोह में इस प्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह स्वास्थ्य संबंधी सूचनाएं संकलित करने की एक महत्वाकांक्षी योजना है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेस लागू करने की है. इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार की यह अच्छी शुरुआत है.

नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी सूचनाएं संकलित करने के लिए कई परंपरागत साधन हैं, लेकिन नई तकनीक के साथ छत्तीसगढ़ की टेबलेट आधारित सूचनाएं संकलित करने की यह योजना निश्चित रूप से कारगर होगी. इस योजना की सफलता के आधार इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा और अन्य राज्यों के लिए भी इसे अनिवार्य किया जाएगा. पायलेट प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में इस योजना के तहत प्रदेश के शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 380 एएनएम को कम्प्यूटर टेबलेट दिए जा रहे हैं.

नड्डा ने कहा कि टेबलेट आधारित सूचना प्रणाली से सूचनाएं त्वरित रूप से प्राप्त हो सकेगी. इससे संचालनालय स्तर पर स्वास्थ्य कार्यक्रमों की बेहतर मॉनीटरिंग हो सकेगी. उन्होंने कहा कि यह प्रणाली इस दृष्टि से भी उपयोगी है कि इसमें पूरे परिवार की स्वास्थ्य सूचनाएं एक साथ उपलब्ध होगी और इसके आधार पर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कारगर कदम उठाए जा सकेंगे.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा माताओं और शिशुओं की स्वास्थ्य की देखभाल के लिए ‘किलकारी’ योजना शुरू की गई है, जिसमें ऑडियो के माध्यम से माताओं को नवजात शिशुओं की देखभाल और उनके टीकाकरण आदि की जानकारी दी जाती है.

छत्तीसगढ़ की टेबलेट आधारित योजना को भी भारत सरकार की किलकारी योजना से जोड़कर इस पूरे प्रणाली को और बेहतर और प्रभावी बनाया जाएगा.

प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अमर अग्रवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के कुल शहरी जनसंख्या की 30 प्रतिशत आबादी शहरों के गंदी बस्तियों में निवास करती है. इन बस्तियों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रम की तर्ज पर सबसे पहले शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम लागू किया, जिसे भारत सरकार ने भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल किया है.

अब इसी कड़ी में टेबलेट आधारित रिपोर्टिग प्रणाली शुरू की जा रही है. अग्रवाल ने कहा कि इस प्रणाली को आधार कार्ड से भी लिंक किया जाएगा और जननी सुरक्षा योजना की राशि सीधे हितग्राहियों को उनके बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाएगा.