नई दिल्ली : दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने गुरुवार को कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने के मामले में आम आदमी पार्टी को कांग्रेस के समर्थन से इंकार नहीं किया जा सकता। इस टिप्पणी का पार्टी ने तत्काल खंडन किया।
दीक्षित ने से कहा, ‘‘एक साल पहले गत विधानसभा चुनाव के बाद हमने सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी को बाहर से समर्थन दिया था। चुनावों के बाद अगर उसी तरह की स्थिति पैदा होती है तो मैं आप को समर्थन देने से इंकार नहीं कर सकती। चुनाव के नतीजों पर आधारित पार्टी की रणनीति पर कोई भी निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा किया जायेगा।’’
दीक्षित ने कहा कि भाजपा को समर्थन देने का कोई सवाल नहीं है और अगर सरकार बनाने के लिए आप को समर्थन देने के लिए स्थिति बनती है तो पार्टी चुनाव बाद की स्थितियों की समीक्षा कर निर्णय करेगी।
स्पष्ट रूप से यह पूछे जाने पर कि अगर किसी दल को बहुमत नहीं मिला तो क्या वैसी स्थिति में पार्टी एक बार फिर आप को समर्थन देगी, दीक्षित ने कहा कि वह सीधा जवाब नहीं नहीं दे सकतीं। उन्होंने कहा कि जो स्थिति पैदा होगी उसके आधार पर किसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
शीला दीक्षित की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जताते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस कभी भी सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी को न समर्थन देगी न समर्थन लेगी।
शर्मा ने दीक्षित की टिप्पणी को उनकी व्यक्तिगत राय करार दिया। शर्मा ने कहा, ‘‘उन्होंने जो कुछ भी कहा है वह उनकी व्यक्तिगत राय है । वह अपनी राय जाहिर करने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन यह कांग्रेस पार्टी का रुख नहीं है।’’ दिल्ली में लगातार तीन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का नेतृत्व करने वाली शीला के सितारे उस समय गर्दिश में आ गए, जब 2013 के चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक स्थिर सरकार के गठन को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किये जाने चाहिएं।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को बहुमत मिल सकता है या भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में हो सकती है। अगर किसी को बहुमत नहीं मिला तो हम स्थिति की समीक्षा करने के बाद फैसला करेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर त्रिशंकु फैसला आता है तौ मैं समझती हूं कि एक सरकार गठित करने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि दिल्ली की जनता को एक और चुनाव का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि हम भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते।