नेशनल कॉन्फ्रेंस के वाइस प्रेसिडेंट और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारत सरकार और तालिबान के बीच बातचीत पर तंज कसा। उमर ने कहा- सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं। अब्दुल्ला ने आगे कहा कि अगर तालिबान आतंकी संगठन है तो सरकार उससे बातचीत क्यों कर रही है? अगर यह आतंकी संगठन नहीं है तो क्या भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र जाकर इसे आतंकी संगठन की सूची से हटवा देगी? उमर ने कहा- दोनों ही हालात में केंद्र को अपना मन बना लेना चाहिए।
भारत और तालिबान के बीच हुई थी पहली औपचारिक बातचीत
अब्दुल्ला का यह बयान भारत और तालिबान के बीच मंगलवार को हुई पहली औपचारिक बातचीत के बाद आया है। कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान लीडर शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से बातचीत की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मित्तल और शेर मोहम्मद के बीच यह मुलाकात तालिबान की पहल पर हुई थी।
अब्बास तालिबान की पॉलिटिकल विंग का हेड है और भारत से उसका पुराना संबंध है। यह मुलाकात दोहा स्थित इंडियन एम्बेसी में हुई। एक बयान में यह जानकारी दी गई। शेर मोहम्मद 1980 के दशक में भारत में रह चुका है। उसने देहरादून स्थित मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग ली है। वो अफगान मिलिट्री में रहा, लेकिन बाद में इसे छोड़कर तालिबान के साथ चला गया।