अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद मामले में सबसे बुजुर्ग पक्षकार मोहम्मद फारूक का गत बुधवार को निधन हो गया। मोहम्मद फारूक 100 साल के थे। अयोध्या के रहने वाले फारूक 1949 के बाबरी मस्जिद मामले के सात मुख्य वादियों में से एक थे। यह मामला बाबरी मस्जिद के भीतर राम की मूर्ति रखने से जुड़ा है।
फारूक के निधन के बाद उनके सबसे बड़े बेटे मोहम्मद सलीम को उनके केस की विरासत मिल सकती है। बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमिटी के संयोजक और यूपी सरकार अडिश्नल ऐडवोकेट जनरल जफरयाब जिलानी ने बताया कि सलीम अपने पिता की जगह वादी बन सकते हैं।
जिलानी ने बताया कि फारूक के पिता मोहम्मद जाहूर केस के असली वादियों में से एक थे। बाकी छह वादियों में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अलावा अरशद रशीदी, हाशिम अंसारी, मौलाना महफूजुर्रहमान, मुफ्ती हसबुल्लाह और महमूद शामिल हैं।
नहीं रहे बाबरी लड़ाई के सबसे पुराने सिपाही मोहम्मद फारूक
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