नई दिल्ली: बिहार की लिट्टी के साथ चिकन, गुजरात का खाखरा, झारखंड का पीट्ठा, राम लड्डू भी और ये गर्मागरम जलेबी। पसंद की कोई भी चीज मिल जाएगी यहां... ये फूड फेस्टिवल दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में राष्ट्रीय रेहड़ी संघ ने आयोजित किया है।
क्या बच्चे, क्या नौजवान, क्या बूढ़े। खाने-पीने की चीजें उम्र का फासला मिटा देती हैं। यहां तक कि इस सर्दी में भी मज़े में बर्फ की चुस्की लेते लोग दिख रहे हैं और थोड़ी देर लाइन में लगकर लखनऊ के लज़ीज़ शामी कबाब का लुत्फ़ उठाने को मिले तो कोई हर्ज़ नहीं।
पहले दो घंटे में ही काउंटर से चालीस हज़ार के कूपन बिक गए और दिनभर में यह आंकड़ा लाखों में जाने की उम्मीद है। ग्राहकों की भीड़ देख दुकानदार भी बेहद खुश दिखे।
आयोजन करने वाले राष्ट्रीय रेहड़ी संघ के राष्ट्रीय संयोजक अरबिंद सिंह ने कहा कि दिल्ली में इस तरह के आयोजन का यह चौथा साल है और इससे सड़कों पर रेहड़ी वालों का उत्साह बढ़ता है। इससे सरकार को भी इनकी समस्याओं का एहसास होगा। रेहड़ी वालों के लाइसेंस और इन्हें नियमित करने जैसी कई समस्याएं हैं जिन्हें आए दिन कभी इस चौराहे से तो कभी इस फुटपाथ से हटा दिया जाता है।
अरबिंद ने बताया कि इस साल सफ़ाई को लेकर स्टॉल लगाने वालों को ख़ास ट्रेनिंग भी दी गई है और मोबाइल ऐप के ज़रिये उन्हें साथ लाने की कोशिश जारी है। इस फूड फेस्टिवल की खासियत यह भी रही कि महिलाओं की भागीदारी ज़बरदस्त रही। सड़क, नुक्कड़ और चौराहे पर रेहड़ी लगाने वाले इन मेहनतकशों को उम्मीद है कि 28 दिसंबर तक चलने वाले इस फेस्टिवल से न सिर्फ कमाई होगी, बल्कि पहचान भी मिलेगी।
फूड फेस्टिवल : सर्दी में लज़ीज़ खाने का लुत्फ़
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