नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि अपने 90वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लोकतांत्रिक व्यवस्था की देन हैं और उन्होंने ‘आमसहमति और सौहार्दता दोनों गुणों को’ पहचाना।
जेटली ने एक लेख में कहा, ‘अटल जी लोकतांत्रिक व्यवस्था की देन हैं और वह संसदीय मूल्यों में प्रशिक्षित हुए। उन्होंने आमसहमति और सौहार्दता दोनों गुणों को पहचाना..’ उन्होंने कहा, ‘वह निर्विवाद रूप से आजादी के बाद भारत में सुने गये सबसे महान वक्ता हैं। वह अपने शब्दों से खेल सकते थे लेकिन वह हमेशा संतुलित रहे। वह शब्दों के जादूगर रहे हैं। वह कभी भी अनुचित कार्य करने के लालच की ओर नहीं गये। उन्होंने सामाजिक सौहार्दता के गुण को पहचाना। वृहद राष्ट्र हित के लिए पार्टी से उपर उठने की उनकी क्षमता महत्वपूर्ण थी।’ पूर्व प्रधानमंत्री के साथ अपने दिनों को याद करते हुए जेटली ने कहा कि कैबिनेट बैठकों में उनका आचरण कभी तनावपूर्ण नहीं होता था और अगर कोई व्यक्ति कोई बिन्दु उठाता था या विरोधी बात करता था तो वह चर्चा को बढावा देते थे और अंतिम शब्द उन्हीं का होता था।
उन्होंने कहा, ‘वह अपनी अर्थव्यवस्था संबंधी सोच में उदारवादी थे। उन्होंने आधारभूत ढांचों के महत्व को महसूस किया। राष्ट्रीय राजमार्ग योजना और बिजली क्षेत्र से जुड़े सुधार उनकी विरासत का हिस्सा हैं। वह अपने पडोसी देशों के साथ संबंध सामान्य करने के लिए प्रतिबद्ध थे।’ ‘अटल जी: द जेन्टल जाइंट’ लेख में वित्त मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के साथ उनकी ‘बस पहल’ बहुत बड़ा राजनीतिक जोखिम था।