श्रीनगर । भारतीय सेना ने कहा कि कश्मीर घाटी में सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में है, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद होने वाले असर को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है।सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडेय ने यह बात कही। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के मद्देनजर कश्मीर में सुरक्षा प्रतिष्ठानों के समक्ष चुनौती से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,"यह एक खेल का मैदान है और मैं बाहरियों के बारे में टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन याद रखिये, यहां सुरक्षा की स्थिति हमारे नियंत्रण में है और उसके बारे में चिंता की कोई बात नहीं है। जीओसी कश्मीर प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में मुख्य अतिथि थे। यह मुकाबला शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में खेला गया। लेफ्टिनेंट जनरल पांडेय ने घाटी के युवाओं से अपील की कि वे खेलों पर ध्यान केंद्रित करें और उम्मीद जाहिर कि नीरज चोपड़ा की तरह भविष्य में कश्मीर से भी ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता मिलेगा। उन्होंने कहा,राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जा रहा है और इस फाइनल मुकाबले के लिये आज से बेहतर दिन कोई और नहीं हो सकता था। इस अवसर पर मैं युवाओं से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बल्कि हर खेल पर ध्यान केंद्रित करें और भगवान ने चाहा,तब यहां से भी एक नीरज चोपड़ा सामने आएगा।"
सैन्य अधिकारी ने कहा कि खेल अनुशासन सिखाता है और जम्मू कश्मीर के युवा जिनमें काफी प्रतिभा है, उन्हें इसका इस्तेमाल अपना नाम कमाने के लिए करना चाहिए। उन्होंने युवाओं से मौके पर मौजूद पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान की सफलता से प्रेरणा लेने को कहा। उन्होंने कहा,आपके और मेरी तरह, वह (पठान) भी छोटे से गांव से आगे बढ़कर अपने कठिन परिश्रम से यहां तक पहुंचे हैं। मुझे विश्वास है कि आप सभी उनसे सीखकर और पूर्ण अनुशासन के साथ अच्छे नागरिक और अच्छे खिलाड़ी बनकर देश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा,मुझे इरफान (युसूफ के भाई जिन्हें जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन ने केंद्र शासित क्षेत्र की टीम के खिलाड़ी व मेंटर के तौर पर अपने साथ जोड़ा है) से यह बात पता चली। दो-तीन खिलाड़ी चयनित होकर आईपीएल में भी खेल चुके हैं। यह अच्छा संकेत है कि यहां प्रतिभा है। जिस तरह सेना ने यह प्रतियोगिता आयोजित की है, जिसमें 200 टीमों ने हिस्सा लिया वह सराहनीय है और इससे प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा।"
भारतीय सेना ने कहा, तालिबान के आने के बाद भी घाटी की सुरक्षा को लेकर कोई दिक्कत नहीं
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