नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भारत में एक बार फिर से गठबंधन की राजनीति का दौर शुरू होने की संभावना से इनकार नहीं किया है।
उन्होंने कहा है कि भारत जैसे विविधता वाले देश में ऐसा होना संभव है। आडवाणी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है।
आडवाणी ने उक्त बयान एक चैनल से बातचीत में दिया। उनसे पूछा गया था कि क्या भारत में गठबंधन की राजनीति अथवा गठबंधन सरकार का दौर खत्म हो गया है। आडवाणी ने कहा कि भारत जैसे देश में हर किसी को हर समय ऐसे हालात के लिए तैयार रहना चाहिए।
एक अन्य सवाल के जवाब में आडवाणी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाजपेयी जैसे देशभक्त को इस सम्मान से नवाजा जाना पूरी तरह से उचित है।
एक अन्य सवाल के जवाब में भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं होता कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आपातकाल लागू करने से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी नहीं थी।
गौरतलब है कि हाल ही में आई अपनी पुस्तक ‘द ड्रामेटिक डीकेड : द इंदिरा गांधी ईयर्स’ में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लिखा है कि इंदिरा गांधी को आपातकाल लागू करने के संवैधानिक प्रावधान की जानकारी नहीं थी और उन्हें इसके लिए सिद्धार्थ शंकर रे ने तैयार किया था।
उन्होंने कहा है कि भारत जैसे विविधता वाले देश में ऐसा होना संभव है। आडवाणी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है।
आडवाणी ने उक्त बयान एक चैनल से बातचीत में दिया। उनसे पूछा गया था कि क्या भारत में गठबंधन की राजनीति अथवा गठबंधन सरकार का दौर खत्म हो गया है। आडवाणी ने कहा कि भारत जैसे देश में हर किसी को हर समय ऐसे हालात के लिए तैयार रहना चाहिए।
एक अन्य सवाल के जवाब में आडवाणी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाजपेयी जैसे देशभक्त को इस सम्मान से नवाजा जाना पूरी तरह से उचित है।
एक अन्य सवाल के जवाब में भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं होता कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आपातकाल लागू करने से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी नहीं थी।
गौरतलब है कि हाल ही में आई अपनी पुस्तक ‘द ड्रामेटिक डीकेड : द इंदिरा गांधी ईयर्स’ में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लिखा है कि इंदिरा गांधी को आपातकाल लागू करने के संवैधानिक प्रावधान की जानकारी नहीं थी और उन्हें इसके लिए सिद्धार्थ शंकर रे ने तैयार किया था।