भोपाल : समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने पर रिसर्च स्कालर और वैज्ञानिक चिंतन करें। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (मेनिट) में हाइड्रो 2014-इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में कही। कान्फ्रेन्स में हाइड्रॉलिक्स,जल संसाधन, तटीय एवं पर्यावरणीय इंजीनियरिंग पर 18 से 20 दिसम्बर तक चर्चा होगी। इसमें 290 रिसर्च पेपर पढ़े जायेंगे।
तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री गुप्ता ने कहा कि कान्फ्रेंस में प्रकृति के उपहार पानी को बचाने के संबंध में गहन विचार-विमर्श होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कान्फ्रेंस से ऐसे निष्कर्ष निकलने चाहिए जो राज्य और केन्द्र् सरकार को नीति बनाने में सहायक सिद्ध हों। श्री गुप्ता ने कहा कि नदी जोड़ो योजना के पर्यावरणीय पहलू पर भी विचार हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा बड़े स्तर पर विभिन्न वर्गों के साथ की गई कान्फ्रेंस (पंचायत) के कारण ही आज प्रदेश में कृषि विकास दर 24.99 प्रतिशत और जी.डी.पी. 11.08 प्रतिशत है। श्री गुप्ता ने बताया कि सिंचाई का रकबा भी 7.5 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 27 लाख हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कान्फ्रेन्स की स्मारिका का भी विमोचन किया।
अण्डर 10 लायेंगे मेनिट को
मेनिट के डायरेक्टर प्रो. अप्पू कुटटन के. के. ने कहा कि देश की तकनीकी संस्थाओं में मेनिट को अण्डर 10 लायेंगे। कुटटन ने कहा कि अभी मेनिट अण्डर 15 है। उन्होंने कहा कि पहले लोग कहते थे कि पानी की तरह पैसा मत बहाओ, लेकिन अब समय आ रहा है कि पैसे की तरह पानी मत बहाओ की सीख लोग देंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल लेवल से ही पानी के महत्व के बारे में बच्चों को पढ़ाया जाये। कुट्टन ने कहा कि प्राथमिक स्कूल से ही प्रेक्टिकल पर जोर दिया जाये।
टेक्सास युनिवर्सिटी अमेरिका के प्रोफेसर बी. पी. सिंह ने रामायण की चौपाई “क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा-पंच तत्व से बना शरीरा” का उल्लेख करते हुए कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती।
इण्डियन सोसाइटी फॉर हाइड्रालिक्स के प्रेसीडेन्ट कुदाले ने वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों को सोसायटी से जुड़ने का आग्रह किया। प्रो. एच. एल. तिवारी और ए. के. शर्मा ने कान्फ्रेंस के संबंध में जानकारी दी।
इस दौरान प्रो. बी.पी.सिंह को इण्डियन सोसाइटी फॉर हाइड्रालिक्स के लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसी तरह हैदराबाद के श्रीनिवास राजो, आईआईटी चेन्नई के प्रो. बी.श्रीराम, आईआईटी, मुम्बई के अरूण कुमार, आईआईटी खड़गपुर के ध्रुवज्योति सेन, बैंगलुरू के सीता और साथी तथा मेनिट भोपाल के भरत को भी पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर देश – विदेश के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने पर हो चिंतन
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