नई दिल्ली : साध्वी निरंजन ज्योति को लेकर संसद में गतिरोध जारी है. पीएम नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में एक बार फिर कहा कि साध्वी निरंजन ज्योति नई हैं. पीएम ने विवाद छोड़कर देशहित में काम करने की अपील की है. हालांकि, पीएम की इस अपील का विपक्ष पर असर पड़ता नहीं दिख रहा है. पीएम के बयान से असंतुष्ट विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया. विपक्ष विवादित बयान देने वाली केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे पर अड़ा हुआ है.
लोकतंत्र के मंदिर में पिछले चार दिनों से केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा हो रहा है. ऐसा तब है जब अपने बयान पर साध्वी निरंजन ज्योति माफी मांग चुकी हैं. यहां तक कि राज्यसभा में पीएम भी बयान देकर अपील कर चुके हैं कि मंत्री की माफी के बाद विपक्ष को शांत हो जाना चाहिए. लेकिन विपक्ष साध्वी के इस्तीफे से कम पर मानने को तैयार नहीं.
पीएम ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा, 'साध्वी निरंजन ज्योति नई मंत्री हैं. वो गांव से हैं. उन्होंने माफी मांग ली है. हमें इस मामले को अब ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए. मैंने अपने सांसदों को भाषा की मर्यादा पर ध्यान देने की कठोर हिदायत दी है.'
विपक्ष के हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
विपक्ष के तेवर से साफ है कि संसद में मामला आज भी गर्म रहेगा. यही वजह है कि प्रधानमंत्री अपनी पार्टी के सीनियर मंत्रियों के साथ बैठक करने पर मजबूर हुए.
संसद में कायम गतिरोध को तोड़ने के लिए आज पीएम ने ना सिर्फ सीनियर मंत्रियों से विचार-विमर्श किया बल्कि दल के वरिष्ठ सांसदों के साथ मिलकर भी रास्ता निकालने की कोशिश की. क्योंकि सांसदों से पीएम की इस अपील का कोई असर नहीं हुआ है कि साध्वी के माफीनामे के बाद मामला खत्म होना चाहिए.
नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा था, 'साध्वी निरंजन ज्योति नई मंत्री हैं. उन्होंने माफी मांगी है. अब संसद के सदस्यों की माफी के प्रति क्या भावना है ये मुझे मालूम है. देश हित में संसद का कार्य चलना चाहिए.'
साध्वी के इस्तीफे पर अड़ा विपक्ष, पीएम मोदी कर रहे हैं बैठक
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