नई दिल्ली । पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली है। उन्होंने 15 अगस्त को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। इसके बाद अब सीएम ममता के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी और डेरक ओ ब्रायन ने सुष्मिता देव को टीएमसी की सदस्यता दिलाई। सुष्मिता के कांग्रेस छोड़ने पर कांग्रेस नेताओं ने भी सवाल उठाकर कांग्रेस नेतृत्व को निशाने पर लिया था। कहा गया था कि इसतरह नेता पार्टी क्यों छोड़ रहे हैं, इसपर मंथन होना चाहिए।
बता दें कि कांग्रेस में सुष्मिता देव ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष थीं। सुष्मिता के पिता संतोष मोहन देव की असम में अच्छी पकड़ रही है। वह राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे।पिता के बाद सुष्मिता देव ने भी लोकसभा में कांग्रेस की टिकट पर सिल्चर सीट से जीतकर सांसद रह चुकी हैं।
दरअसल, सुष्मिता देव की मदद से टीएमसी अन्य राज्यों में अपने विस्तार की योजना बना रही है,इसमें सबसे पहले उसकी नजर असम और त्रिपुरा पर है।टीएमसी बंगाल के बाहर खुद का विस्तार करना चाहती है।पार्टी को लगता है कि त्रिपुरा और असम में उसका स्कोप है, जहां उसे सफलता मिल सकती है। दरअसल, असम के बराक घाटी में बंगाली भाषी लोग हैं वहीं त्रिपुरा में भी बंगाली लोगों की संख्या अच्छी है।
इसके बाद पार्टी को असम के किसी नेता की तलाश थी जो उनकी पार्टी का वहां नेतृत्व कर सके।टीएमसी ने रायजोर दल के मुखिया अखिल गोगोई को भी अपने साथ मिलाने की कोशिश की थी। उनके साथ बातचीत के दो राउंड भी हुए थे। टीएमसी ने उन्हें असम में पार्टी की कमान संभालने की पेशकेश भी की थी। लेकिन गोगोई की तरफ से कोई खास जवाब नहीं आया। इसके बाद सुष्मिता देव से बात हुई और बात बन गई।
कांग्रेस का साथ छोड़ टीएसमी में शामिल हुई सुष्मिता देव
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