भोपाल। राजधानी के एक डेयरी संचालक को व्यवसाय बढ़ाने के लिए बजाज फाइनेंस कंपनी में ऑनलाइन आवेदन करना महंगा पड़ गया। फरियादी ने इंटरनेट पर ऑनलाइन आवेदन किया, जो जालसाजों की फर्जी वेबसाइट थी। इसके बाद जालसाज खुद को फाइनेंस कंपनी के अधिकारी बनकर बात की और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 41 हजार रुपए ठग लिए। ठगी का पता चलने के बाद फरियादी ने साइबर सेल में शिकायत की थी। पुलिस ने जांच के बाद प्रकरण दर्ज कर लिया है। परवलिया पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अशोक मीणा ग्राम चंदूखेड़ी के रहने वाले हैं, और बैरसिया रोड में डेयरी संचालित करते हैं। कोरोनाकाल में उन्हें डेयरी व्यवसाय के लिए लोन लेना था। चूंकि लॉकडाउन चल रहा था, इसलिए उन्होंने ऑनलाइन बजाज फाइनेंस कंपनी की साइट तलाश कर उसमें आवेदन कर दिया। हालांकि जिस साइट में आवेदन किया, वह फर्जी वेबसाइट बताई जाती है। फार्म भ्ररने के थोडे दिन बाद उनके पास अमन सिंह और विमलेश नाम के व्यक्ति फोन कर खुद को फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बताने लगे। इतना ही नहीं आरोपियों ने फरियादी के वाट्सएप पर बजाज फाइनेंस कंपनी का फर्जी आईडी कार्ड भी भेजा था। दोनों जालसाजों ने प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पहले ढाई हजार रुपए एक बैंक खाते में ट्रांसफर कराए। इसके बाद अलग-अलग प्रोसेस के लिए 41 हजार की रकम फरियादी से बैंक खाते में जमा करा ली। फरियादी को दो लाख रुपए के लोन के लिए कागजी कार्यवाही के नाम पर 41 हजार रुपए की रकम लिये जाने की बात खटकने लगी। इसके बाद उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे तो जालसाजों ने फोन बंद कर दिया। फरियादी ने इसकी शिकायत साइबर सेल में की थी। साइबर सेल ने जांच के बाद आवेदन परवलिया थाने भेजा था। जहॉ पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है। शुरुआती जॉच मे सामने आया है कि शातिरो ने पश्चिम बंगाल के एक बैंक खाते में पैसे जमा कराए हैं, यह खाता किसी रजनीकांत नाम के व्यक्ति से संचालित हो रहा है। पुलिस आगे की कार्यवाही मे जुटी है।
डेयरी संचालक को बिजनेस बढाने के लिये ऑनलाइन फार्म भरना पडा भारी
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