लंदन : जैतून तेल का नियमित इस्तेमाल दिल को तो दुरूस्त बनाता ही है दिल संबंधी बीमारियों के जोखिमों को भी घटाता है। ग्लासगो तथा लिस्बन विश्वविद्यालयों और जर्मनी में मोसाइक्यूज डायग्नोस्टिक्स के अध्ययनकर्ताओं ने जैतून के तेल का असर जानने के लिए मिलकर काम किया।
अमेरिकी जर्नल क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित अध्ययन में जैतून सहित पौधे में पाए जाने वाले प्राकृतिक अवयव फेनोलिक्स के हृदय पर पड़ने वाले असर को परखा गया। अमेरिका में संघीय औषधि प्रशासन और यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण का मानना है कि मोनोसेचुरेटेड फैटी एसिड के साथ फेनोलिक्स, जैतून के तेल के रक्षात्मक प्रभाव के लिए जिम्मेदार होता है। अध्ययन का पहलू यह रहा कि लक्षित समूहों पर इसका असर देखा गया। यानि, ऐसे लोग जो हमेशा जैतून का तेल इस्तेमाल नहीं करते हैं।
स्वास्थ्य पर तेल पूरकों के असर के अध्ययन के लिए अध्ययन टीम ने नयी डायग्नोस्टिक तकनीक को आजमाया। धमनी संबंधी (सीएडी), किडनी संबंधी (सीकेडी) और मधुमेह जैसी बीमारियों के संकेत के लिए पहचानी गयी पेपटाइड्स (खंडित प्रोटीन से निर्मित) के रेंज को जानने के लिए पेशाब के नमूने की जांच की गयी। परिणाम से पता चला कि दोनों समूहो में बीमारी की सबसे सामान्य किस्म सीएडी के नतीजे में बड़ा बदलाव दिखा।