चंडीगढ़ । देर रात करीब सवा दस बजे हिसार की मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रियंका जैन की अदालत ने सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को पांच दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। हालांकि पुलिस ने सात दिन का रिमांड मांगा था। इसके अलावा रामपाल के नौ सहयोगियों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस ने सतलोक आश्रम में मिले हथियारों व अन्य जानकारी के लिए पूछताछ के आधार पर आरोपियों को रिमांड पर मांगा था। वहीं, हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया था, उस पर शुक्रवार (आज) को सुनवाई होगी।

इससे पूर्व बरवाला के सतलोक आश्रम से गिरफ्तार रामपाल को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पेश किया गया। वहां से उसे 28 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अन्य मामलों में जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस उसे हिसार ले आई। हाई कोर्ट ने पूरी कार्रवाई के लिए हरियाणा पुलिस और सुरक्षा बलों की तारीफ भी की।

चिकित्सकीय परीक्षण के बाद पंचकूला में रखे गए रामपाल को पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच बृहस्पतिवार सुबह हाई कोर्ट लेकर पहुंची। सबकी निगाहें दस नंबर कोर्ट रूम पर सुबह से ही लगी रहीं। सुबह दस बजे हरियाणा के एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने जस्टिस एम. जयपॉल एवं जस्टिस दर्शन सिंह पर आधारित खंडपीठ के सामने अर्जी देकर रामपाल की गिरफ्तारी की जानकारी दी और आग्रह किया कि शुक्रवार की जगह बृहस्पतिवार को रामपाल को पेश करने की इजाजत दी जाए। पीठ ने दो बजे पेश करने की इजाजत दे दी।

खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार से पूछा कि क्या रामपाल के आश्रम में अब उसका कोई समर्थक है? सरकार ने बताया कि आश्रम में अब भी करीब 2000 समर्थक हैं जिन्हें जल्द ही बाहर निकाल लिया जाएगा। आश्रम को सीआरपीएफ के हवाले किया जा चुका है। हाई कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को आदेश दिए कि वे अगली सुनवाई पर आश्रम में मिले हथियार और अन्य घातक सामग्री की पूरी जानकारी हाई कोर्ट को दें। मिशन रामपाल सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, आश्रम की ओर से हुई गोलीबारी, पत्थरबाजी आदि में घायल सुरक्षा कर्मियों की संख्या और आश्रम से गिरफ्तार उन लोगों का पूरा ब्योरा जिन पर पहले से मामले चल रहे हैं कि पूरी जानकारी डीजीपी 28 नवंबर को एक सील बंद लिफाफे में हाई कोर्ट को देंगे।

डेरों पर उठाए सवाल

सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की कि उसके संज्ञान में कुछ ऐसे डेरे हैं जिनके प्रमुख पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस पर एमिक्स क्यूरी अनुपम गुप्ता ने कहा कि पीठ हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में स्थित सभी डेरों की जानकारी तलब करे। हरियाणा के एडवोकेट जनरल ने डेरों, धार्मिक संस्था व गुरुद्वारों पर कुछ पक्ष रखा। अगली सुनवाई के दौरान एमिक्स क्यूरी अनुपम गुप्ता पीठ को एक रिपोर्ट देंगे।

मासूम कहने पर लगे ठहाके

रामपाल के वकील एसके गर्ग नरवाना ने बहस के दौरान कहा कि रामपाल मासूम, साधारण किसान और वरिष्ठ नागरिक हैं। इस पर कोर्ट रूम में मौजूद भारी संख्या में वकीलों और अन्य लोगों के ठहाके छूट गए। वकील नरवाना ने कहा कि रामपाल तो हाई कोर्ट में पेश हो जाते परंतु समर्थकों ने ही आश्रम में रोक रखा था। इस पर भी सभी की हसी छूट गई। खंडपीठ ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि रामपाल को समर्थकों ने ही बंधक बना लिया था तभी वो अदालत में पेश नहीं हुए।

बाहर सुनवाई की मांग

रामपाल के खिलाफ देशद्रोह और अन्य मामलों की हरियाणा में सुनवाई हो या बाहर, इस पर फैसला अगली सुनवाई पर किया जाएगा। एमिक्स क्यूरी एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने इन मामलों की सुनवाई हरियाणा से बाहर करवाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर इन मामलों की सुनवाई राज्य में हुई तो वे इन मामलों को प्रभावित कर सकते हैं।

छह साल से मिली जमानत रद

जस्टिस एम.जयपॉल एवं जस्टिस दर्शन सिंह पर आधारित खंडपीठ ने बृहस्पतिवार सुबह रामपाल को वर्ष 2006 में दर्ज हत्या के एक मामले में हाई कोर्ट से मिली जमानत रद कर दी। इसके बाद रामपाल पुलिस गिरफ्त में रहेगा। 12 जुलाई 2006 को रोहतक के करौंथा सतलोक आश्रम के बाहर जमा भीड़ पर हुई फायरिंग में झज्जर के युवक सोनू की मौत हो गई थी। इस मामले में रामपाल और उसके 37 समर्थकों के खिलाफ रोहतक सदर पुलिस थाने में विभिन्न धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी। हाई कोर्ट ने 2 अप्रैल 2008 को रामपाल को जमानत दी थी।

चंडीगढ़ के हाथ खड़े

चंडीगढ़ के एसएसपी सुरक्षा मनीश ने पीठ से आग्रह किया कि यहां रामपाल को रखने के लिए सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं। इसलिए उसे बाहर ही रखा जाए।

वकीलों ने लगाए नारे

हजारों समर्थकों के बीच घिरा रहने वाला रामपाल हाई कोर्ट अकेला पेश किया गया। रामपाल को अदालत में ले जाते वक्त वकीलों ने शेम-शेम के नारे लगाए।