राइट बंधुओं ने पहली बार 9 नव बर, 1904 को 5 मिनट से ज्यादा देर तक हवा में उड़ान भरी थी। हवाई जहाज का आविष्कार करने वाले ऑॢवल और विल्बर राइट बचपन से ही कल्पनाशील थे। दोनों ने कल्पनाओं की उड़ान में हवाई जहाज बनाने का सपना देखना शुरू कर दिया था।
अमरीका के हैटिंगटन स्थित यूनाइटेड ब्रदर चर्च में उनके पिता कार्यरत थे। उन्होंने बचपन में दोनों को एक खिलौना हैलीकॉप्टर लाकर दिया था, जिसने दोनों भाइयों को असली उड़ान यंत्र बनाने के लिए प्रेरित किया।
कागज, रबड़ और बांस का बना वह हैलीकॉप्टर फ्रांस के एरोनॉटिक वैज्ञानिक अलफांसे पैनाऊड के एक आविष्कार पर आधारित था। दोनों में इस खिलौने को लेकर जबरदस्त उत्सुकता थी। दोनों दिन-रात इससे खेलते रहते। वे इससे तब तक खेलते रहे, जब तक कि यह टूट नहीं गया।
17 दिस बर, 1904 को पहली बार पूर्णतया नियंत्रित मानव हवाई उड़ान को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले दोनों भाई साइकिल की संरचना को ध्यान में रखकर अलग-अलग कलपुर्जे जोड़कर हवाई जहाज का विकास करते रहे। उन्होंने कई बार हवा में उडऩे वाले उपकरण बनाए और अंत में जाकर हवाई जहाज बनाने का उनका सपना सच हुआ।
दोनों को मशीनी तकनीक की काफी अच्छी समझ थी जिससे उन्हें इसमें मदद मिली। यह कौशल उन्होंने प्रिंटिंग प्रैसों, साइकिलों, मोटरों और दूसरी मशीन पर लगातार काम करते हुए पाया था।
दोनों ने 1900 से 1903 तक लगातार ग्लाइडरों के साथ परीक्षण किया था। आखिरकार 1904 में पहली बार उनके हवाई जहाज ने हवा में उड़ान भरी। लगातार मेहनत एवं अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण ने उन्हें यह सफलता हासिल करवाई। आज हवाई यात्रा के असीमित विकास के पीछे उनके सपनों की छोटी-सी शुरूआत ही थी। —दीनदयाल मुरारका